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ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायतें बढ़ीं, कंपनियों के नाम सार्वजनिक करने की हुई अपील

क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में सामने आया है कि केंद्र सरकार को सबसे ज्यादा शिकायतें ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ मिली हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 28 Aug 2017 02:46 PM (IST)Updated: Mon, 28 Aug 2017 02:52 PM (IST)
ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायतें बढ़ीं, कंपनियों के नाम सार्वजनिक करने की हुई अपील
ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायतें बढ़ीं, कंपनियों के नाम सार्वजनिक करने की हुई अपील

नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार को बीते वर्ष अधिकांश शिकायतें ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनियों के खिलाफ मिली हैं। क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) ने केंद्र को सुझाव दिया है कि ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियों के नाम कुल पेंडिग शिकायतों के साथ सार्वजनिक किया जाए। क्यूसीआई की रिपोर्ट मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर पीएमओ जितेंद्र सिंह ने जारी की है। यह जानकारी इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार सामने आई है।

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यह बात सरकार के लिए क्यूआईसी के शिकायतों की प्रकृति पर किये गये अध्ययन में सामने आया है। इस रिपोर्ट को पीएमओ जितेंद्र सिंह ने जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसारअगर पर्यावरण मंत्रालय के लिए गोवध संबंधित शिकायतें प्राथमिकता पर हैं तो मिनिस्ट्री ऑफ इन्फर्मेशन ऐंड ब्रॉडकास्टिंग (एमआईबी) के लिए डिजिटल सेट टॉप बॉक्स कंपनियों के खिलाफ शिकायतें प्राथमिकता पर है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि नागर विमानन मंत्रालय को अधिकांश शिकायतें एयर इंडिया की सेवाओं के खिलाफ मिली है। साथ ही ग्राहकों की ओर से पोर्न साइट्स पर बैन का मुद्दा भी उठाया गया था।

बीते वर्ष केंद्र के 88 मंत्रालयों और विभागों को करीब 12 लाख शिकायतें मिली हैं, जो कि वर्ष 2015 की तुलना में 8.7 लाख ज्यादा है। इस अध्धयन का उदेश्य उन शिकायतों का विश्लेषण करना, उसकी मूल वजह का पता लगाना और सरकार को उसमें कमी लाने के लिए व्यवस्थित बदलाव के बारे में सुझाव देना था।

क्यूसीआई की इस रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स कंपनियों के मामले में शिकायतें प्रॉडक्ट्स की क्वॉलिटी चेक को लेकर अस्पष्ट नियम व शर्तें, रिफंड के मानक तरीके का अभाव, डिलिवरी और एक्सचेंज पॉलिसी, दाम व छूट का कोई नियामक न होना और खराब कस्टमर सर्विस शामिल हैं। क्यूसीआई का कहना है कि इन शिकायतों की प्रमुख वजह ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शंस, प्रोजक्ट्स का क्लॉलिटी चेक व ई-कॉमर्स कंपनियों की रिटर्न को लेकर अस्पष्ट पॉलिसी, एक्सचेंज और डिलीवरी है।


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