केंद्र ने आवंटित अनाज उठाने का राज्यों से किया आग्रह, निशुल्क वितरण के लिए भारी आवंटन
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान सभी 80 करोड़ उपभोक्ताओं को अगले तीन महीने तक पांच-पांच किलो अनाज मुफ्त में देने का फैसला किया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन की चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र ने राज्यों को अतिरिक्त अनाज का आवंटन किया है। लेकिन कई बड़े राज्य अपने हिस्से का अनाज अभी उठा नहीं रहे हैं। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने सभी राज्यों से आवंटित अनाज जल्द से जल्द उठा लाने को कहा है। केंद्रीय उपभोक्ता व खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने इस संबंध में संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात भी की है। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान सभी 80 करोड़ उपभोक्ताओं को अगले तीन महीने तक पांच-पांच किलो अनाज मुफ्त में देने का फैसला किया है। यह अनाज राशन कार्ड पर रियायती दर की दुकानों पर पहले से मिल रह अनाज के अतिरिक्त होगा। इसके लिए उपभोक्ताओं को किसी तरह का भुगतान नहीं करना होगा।
इसका वितरण राशन की दुकानों से किया जाएगा। इसके लिए सभी राज्यों को अतिरिक्त अनाज का आवंटन कर दिया गया है। केंद्रीय उपभोक्ता व खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने जागरण से बातचीत में बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों ने अभी तक अपना अनाज उठाना शुरू नहीं किया है। केंद्र सरकार चाहती है कि उपभोक्ताओं को जितनी जल्दी हो, अनाज बांट दिया जाना चाहिए ताकि देश के लोगों को यह भरोसा हो जाए कि अनाज की कोई कमी नहीं है। राज्यों के अनाज उठा लेने से सरकारी गोदाम खाली हो जाएंगे, जिसका उपयोग रबी सीजन की खरीद वाले गेहूं के भंडारण में किया जाएगा। इससे केंद्र सरकार को भी सुविधा होगी।
दरअसल, सामान्य तौर पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अमल में राशन प्रणाली के लिए हर महीने 60 लाख टन अनाज की जरूरत होती है। जबकि तीन महीने के पांच किलो अतिरिक्त अनाज बांटने पर कुल 122 लाख टन खाद्यान्न की जरूरत है। इस तरह 200 लाख टन नया गेहूं रखने की जगह मिल जाएगी। 14 अप्रैल तक अनाज उठा लेने पर एफसीआइ को भी सहूलियत होगी। अभी उसके कर्मचारी अनाज के उठाव में व्यस्त है, जबकि इसके बाद रबी सीजन के नए गेहूं के भंडारण में जुट जाएंगे।