कर्जदारों को सरकार का दिवाली गिफ्ट: केंद्र ने दो करोड़ तक के लोन पर माफ किया ब्याज पर ब्याज
Loan Moratorium सरकार ने दो करोड़ रुपये तक के लोन पर छह महीने की अवधि के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर को अनुग्रह राशि के तौर पर कर्जदारों को भुगतान से संबंधित गाइडलाइन को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। फेस्टिव सीजन के बीच केंद्र सरकार ने कर्जदारों को बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार ने लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान ईएमआई पर ब्याज माफी की गाइडलाइंस जारी कर दी है। केंद्र सरकार ने 1 मार्च, 2020 से 31 अगस्त, 2020 के बीच के दो करोड़ रुपये तक के लोन पर छह महीने की अवधि के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर को अनुग्रह राशि के तौर पर कर्जदारों को भुगतान से संबंधित गाइडलाइन को मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार ने लोन पर ब्याज पर ब्याज माफी संबंधी दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है।
Loans for MSME, education, housing, consumer durables, credit card dues, automobiles, along with personal loans and consumption loans up to Rs 2 crores eligible under the scheme. https://t.co/bFAw21wWE6" rel="nofollow
— ANI (@ANI) October 24, 2020
यह लाभ पात्रता मानदंड के अनुसार, ऋण संस्थानों के माध्यम से प्राप्त होगा। इस योजना के अंतर्गत दो करोड़ रुपये तक के एमएसएमई के लिए लोन, होम लोन, एजुकेशन लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटो लोन, उपभोक्ता वस्तुओं के लिए लोन, पर्सनल लोन और खपत लोन शामिल है।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने केद्र सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किये गए लोन मोरेटोरियम में 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज छूट योजना को शीघ्र लागू करने के दिशानिर्देश दिये थे।
केंद्र द्वारा जिन दिशानिर्देशों को मंजूरी दी गई है, उनके अनुसार, वित्तीय संस्थान और बैंक पात्र कर्जदारों के लोन अकाउंट में मोरेटोरियम अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर की राशि को जमा करेंगे। इसका फायदा उन कर्जदारों को मिलेगा, जिन्होंने रिज़र्व बैंक द्वारा घोषित मोरेटोरियम योजना का आंशिक या पूर्ण रूप से लाभ उठाया है।
दिशानिर्देशों को मंजूरी मिलने के बाद अब बैंक और वित्तीय संस्थान संबंधित कर्जदार के लोन अकाउंट में पैसा डालेंगे और केंद्र सरकार से उसका भुगतान लेंगे। बताया जा रहा है कि इस ब्याज पर ब्याज की माफी से सरकारी खजाने पर 6,500 करोड़ रुपये का बोझ आएगा।