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सीसीआइ ने हुंडई पर ठोंका 420 करोड़ का जुर्माना

प्रतिस्पर्धा नियामक सीसीआइ ने हुंडई मोटर इंडिया पर 420.26 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसे उन कार कंपनियों में पाया गया है, जो खुले बाजार में स्पेयर पा‌र्ट्स की बिक्री पर रोक लगाती हैं। इसके अलावा नियामक ने दो अ

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2015 09:03 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2015 09:10 PM (IST)
सीसीआइ ने हुंडई पर ठोंका 420 करोड़ का जुर्माना

नई दिल्ली । प्रतिस्पर्धा नियामक सीसीआइ ने हुंडई मोटर इंडिया पर 420.26 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसे उन कार कंपनियों में पाया गया है, जो खुले बाजार में स्पेयर पा‌र्ट्स की बिक्री पर रोक लगाती हैं। इसके अलावा नियामक ने दो अन्य कार कंपनियों-रेवा और प्रीमियर को प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों से दूर रहने की हिदायत दी है।

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बीते साल अगस्त में इसी मामले में सीसीआइ ने 14 अन्य कार बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ जुर्माना लगाया था। यह राशि कुल 2544.64 करोड़ रुपये थी। इन कंपनियों में होंडा सिएल, फिएट, फॉक्सवैगन, बीएमडब्ल्यू, फोर्ड, जनरल मोटर्स, हिंदुस्तान मोटर्स, एमएंडएम, मारुति सुजुकी, मर्सिडीज बेंज, निसान मोटर्स, स्कॉडा, टाटा मोटर्स और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर शामिल थीं।

ताजा आदेश देते हुए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने कहा कि कुछ ऐसे बिंदु हैं जो प्रीमियर और रेवा (महिंद्रा एंड महिंद्रा की सब्सिडियरी) के पक्ष में जाते हैं। यही वजह है कि आयोग ने दोनों के खिलाफ आर्थिक दंड नहीं लगाने का फैसला किया। हालांकि, सभी 17 कंपनियों पर लागू अन्य निर्देश इन दोनों पर भी बने रहेंगे। इस आदेश के साथ ही 17 कार कंपनियों के खिलाफ लंबी जांच के मामले में कार्रवाई पूरी हो गई है।

सीसीआइ ने कहा कि इन सभी कंपनियों में कठोर वारंटी शर्ते थीं। ये ग्राहकों को इनके डीलरों के अधिकृत सर्विस नेटवर्क के जरिये ही वाहनों की मरम्मत कराने के लिए बाध्य करती थीं। ऐसा नहीं करने पर वारंटी अमान्य हो जाती थी।

हुंडई ने कहा था कि उसका मामला अन्य से अलग है। लिहाजा, दंड की राशि घटाई जानी चाहिए। सीसीआइ ने आदेश में कहा कि हुंडई ने जिन बिंदुओं का हवाला दिया, वे सामान्य प्रकृति के हैं। इनके आधार पर पेनाल्टी को घटाया नहीं जा सकता है।


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