निर्यातकों को समय पर मिले जीएसटी का रिफंड: वनजा एन सरना
देशभर में जीएसटी लागू होने के बाद निर्यातकों की राशि फंसी हुई है
नई दिल्ली (जेएनएन)। जीएसटी लागू होने के बाद परेशानी का सामना कर निर्यातकों की मुश्किलें दूर करने के लिए सरकार एक और कदम उठाने जा रही है। केंद्र ने सभी चीफ कमिश्नरों को कहा है कि वे व्यक्तिगत तौर पर निगरानी कर यह सुनिश्चित करें कि निर्यातकों को समय पर रिफंड मिल जाए। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) की अध्यक्ष वनजा एन सरना ने इस संबंध में आला टैक्स अधिकारियों को पत्र लिखा है।
सरना को यह पत्र लिखने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि एक जुलाई से देश में जीएसटी लागू होने के बाद निर्यातकों की भारी भरकम राशि फंस गई है। उन्हें अब तक इसका रिफंड नहीं मिला है। जीएसटी काउंसिल ने भी निर्यातकों की मुश्किलें दूर करने के लिए छह अक्टूबर की बैठक में कई फैसले किए थे। यही वजह है कि अब सीबीईसी अध्यक्ष ने सभी कमिश्नरों को व्यक्तिगत तौर पर इस बात की निगरानी करने को कहा है कि सभी निर्यातकों को उनका रिफंड समय पर मिले। सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रलय और सीबीईसी के शीर्ष अधिकारी नियमित तौर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि निर्यातकों को समय रिफंड मिले।
अलग-अलग क्षेत्र के निर्यातकों को आइजीएसटी रिफंड फंसने की वजह से कई तरह की परेशानी आ रही है। इसके चलते उनकी वर्किंग कैपिटल फंस रही है। जीएसटी काउंसिल की छह अक्टूबर को हुई बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। इसके बाद सरकार ने 10 अक्टूबर से आइजीएसटी (इंटीग्रेटेड जीएसटी) का रिफंड जारी करने के प्रक्रिया शुरू कर दी थी। आइजीएसटी से 67,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। इसमें से माना जा रहा है कि जुलाई और अगस्त के लिए निर्यातकों का करीब 2,000 करोड़ रुपये रिफंड बनता है। अकेले जुलाई के लिए निर्यातकों का करीब 750 करोड़ रुपये रिफंड बैठता है। इसमें से 200 करोड़ रुपये रिफंड दिया जा चुका है।
जीएसटी काउंसिल ने निर्यातकों की जीएसटी रिफंड की समस्या को हल करने के लिए जिन उपायों का एलान किया है उनमें एक ई-वॉलेट का प्रस्ताव भी शामिल है। इसे एक अप्रैल, 2018 से लागू किया जाना है।