बीते वित्त वर्ष में 12.33 लाख करोड़ पर अटका प्रत्यक्ष कर संग्रह, CBDT ने कहा पहले से था गिरावट का अनुमान
इस वर्ष 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह 12.33 लाख करोड़ रुपये रहा। (PC pixabay.com)
नई दिल्ली, पीटीआइ। इस वर्ष 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह 12.33 लाख करोड़ रुपये पर अटक गया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने रविवार को कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की घोषणा और आयकर में फेरबदल के चलते प्रत्यक्ष कर संग्रह में बीते वित्त वर्ष के दौरान 4.92 प्रतिशत की कमी आई है। हालांकि, बोर्ड ने यह भी कहा कि इसकी उम्मीद पहले से की जा रही थी और यह गिरावट अस्थायी है। वित्त वर्ष 2018-19 में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 12,97,674 करोड़ रुपये रहा था।
विभाग का यह भी मानना है कि अगर पर्सनल इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स में कोई फेरबदल नहीं होता, तो बीते वित्त वर्ष के दौरान सरकार का सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह आठ प्रतिशत बढ़कर 14.01 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया होता। सरकार ने पिछले वर्ष जुलाई में जो बजट पेश किया था, उसमें तत्कालीन चालू वित्त वर्ष यानी 2019-20 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह का अनुमान संशोधित कर 11.70 लाख करोड़ रुपये रखा था। उससे पहले यह अनुमान 13.3 लाख करोड़ रुपये का था।
हालांकि, बोर्ड ने शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह का आंकड़ा नहीं दिया है। लेकिन सकल संग्रह में से रिफंड के 1.84 लाख करोड़ रुपये घटा दिए जाएं, तो शुद्ध संग्रह करीब 10.49 लाख करोड़ रुपये होता है। पिछले वर्ष 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष यानी 2018-19 में सरकार का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 11.36 लाख करोड़ रुपये रहा था।
बोर्ड ने अपने बयान में कहा कि इस वर्ष मार्च में खत्म वित्त वर्ष के लिए शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वर्ष समान अवधि के मुकाबले कम रहा है। लेकिन यह कमी उम्मीद के अनुरूप भी है क्योंकि बीते वर्ष हमने ऐतिहासिक कर सुधार होते देखा है, और अस्थायी भी। विभाग का मानना है कि छूट की रकम जोड़कर कुल टैक्स संग्रह का 14 लाख करोड़ रुपये से पार जाने का मतलब यह है कि टैक्स आधार में बढ़ोतरी हो रही है।
आंकड़ों का सच
- 12,33,720 करोड़ रुपये सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह रहा बीते वित्त वर्ष के दौरान
- 6.78 लाख करोड़ रुपये जुटाए विभाग ने सकल कॉरपोरेट टैक्स के रूप में
- 5.55 लाख करोड़ रुपये का सकल टैक्स मिला सकल पर्सनल इनकम टैक्स मद में
- 1.84 लाख करोड़ रुपये का रिफंड दिया विभाग ने बीते वित्त वर्ष में
- 14.01 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचता सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह, अगर कॉरपोरेट टैक्स और पर्सनल इनकम टैक्स में छूट नहीं दी जाती
- 1.45 लाख करोड़ रुपये कम मिले सरकार को कॉरपोरेट टैक्स के मद में
- 23,200 करोड़ रुपये की कमी आई पर्सनल इनकम टैक्स मद में