CBDT ने 1.12 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया, केंद्र ने GST मुआवजे के तौर पर 17,000 करोड़ रुपये दिए
8953923 मामलों में 33548 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड और 175692 मामलों में 78942 रुपये का कॉर्पोरेट टैक्स रिफंड जारी किया गया है। विभाग ने कहा कि राशि में आकलन वर्ष (AY) 2021-22 के 58.22 लाख रिफंड शामिल हैं जो 11086.89 करोड़ रुपये हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक अप्रैल से एक नवंबर तक 91 लाख से अधिक करदाताओं को 1,12,400 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड जारी किया है। आयकर विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी। आयकर विभाग ने ट्वीट में कहा, सीबीडीटी ने 1 अप्रैल, 2021 से 1 नवंबर, 2021 तक 91.30 लाख से अधिक करदाताओं को 1,12,489 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड जारी किया। 89,53,923 मामलों में 33,548 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड और 1,75,692 मामलों में 78,942 रुपये का कॉर्पोरेट टैक्स रिफंड जारी किया गया है। विभाग ने कहा कि राशि में आकलन वर्ष (AY) 2021-22 के 58.22 लाख रिफंड शामिल हैं, जो 11,086.89 करोड़ रुपये हैं।
केंद्र ने बुधवार को राज्यों के राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए जीएसटी मुआवजे के तौर पर 17,000 करोड़ रुपये जारी किए। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके साथ ही 2021-22 के दौरान राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक जारी मुआवजे की कुल राशि 60,000 करोड़ रुपये है। जीएसटी परिषद के निर्णय के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी मुआवजे के जारी होने में कमी के एवज में 1.59 लाख करोड़ रुपये का बैक टू बैक कर्ज पहले ही जारी किया जा चुका है।
केंद्र ने चालू वित्त वर्ष में राज्यों को देय जीएसटी मुआवजे में 2.59 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान लगाया है, जिसमें से इस साल लगभग 1.59 लाख करोड़ रुपये उधार लेने होंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, कर संग्रह बजट में निर्धारित लक्ष्य से अधिक होने की उम्मीद है क्योंकि अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के साथ संग्रह में सुधार हुआ है।
अक्टूबर में GST संग्रह बढ़कर 1.30 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो जुलाई 2017 में लागू होने के बाद से दूसरा सबसे अधिक है। अप्रैल 2021 में 1.41 लाख करोड़ रुपये का उच्चतम जीएसटी संग्रह दर्ज किया गया था। यह लगातार चौथी बार है जब जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर था। सितंबर 2021 में जीएसटी से संग्रह 1.17 लाख करोड़ रुपये था। पिछले महीने बेची गई वस्तुओं और दी गई सेवाओं पर कर संग्रह अक्टूबर 2020 की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक था, और 2019-20 में 36 प्रतिशत अधिक था।