पैसा जुटाने के लिए आईएलएंडएफएस ग्रुप का नया प्लान, बेचेगा महंगी कारें और फर्नीचर
वर्तमान में आईएलएंडएफएस ग्रुप नकदी के भारी संकट से जूझ रहा है और 27 अगस्त के काफी सारे लोन की अदायगी में डिफॉल्ट कर चुका है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कर्ज के बोझ से लदी आईएलएंडएफएस ग्रुप की कंपनियां पैसा जुटाने के लिए अपनी महंगी कारों, कार्यालय के फर्नीचर, बिजली के उपकरण और अन्य संपत्तियों को बेच रहीं हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) और उसकी अन्य अनुषंगी कंपनियों ने ऑडी, बीएमडब्ल्यू, जैगुआर, मर्सिडीज बेंज, लैंड रोवर, होंडा, टोयोटा और स्कोडा जैसे ब्रैंड की 36 लग्जरी कारों की बिक्री के लिए निविदा आमंत्रित की है।
आईएलएंडएफएस ने इन वाहनों के लिए नौ करोड़ रुपये से थोड़े कम का आधार मूल्य तय किया है। एक अलग बिड डॉक्यूमेंट में आईएलएंडएफएस ने इस्तेमाल हो चुके फर्नीचर और सिन गुड्स की एकमुश्त बिक्री के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं, ये संपत्तियां कंपनियों के मुंबई और कोलकाता ऑफिस की है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि वर्तमान में आईएलएंडएफएस ग्रुप नकदी के भारी संकट से जूझ रहा है और 27 अगस्त के काफी सारे लोन की अदायगी में डिफॉल्ट कर चुका है। आईएलएंडएफएस ग्रुप पर फिलहाल 90,000 करोड़ रुपये का कर्जा है।
संकट का सामना कर रही इंफ्रास्ट्रकचर डेवलपमेंट और फाइनेंस कंपनी आईएलएंडएफएस का नियंत्रण सरकार ने अपने हाथों में ले लिया है। सरकार ने आईएलएंडएफएस के बोर्ड को हटाकर समूह को मौजूदा संकट से बाहर करने के लिए अनुभवी बैंकर उदय कोटक को जिम्मेदारी दी है।
इस कंपनी में एक चौथाई हिस्सेदारी के साथ एलआईसी सबसे बड़ा हिस्सेदार है, जबकि अन्य हिस्सेधारकों में जापान की ओरिक्स कॉरपोरेशन, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और एसबीआई प्रमुख हैं। पिछले कुछ वर्षों में, कंपनी ने बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में मुख्य रूप से परिवहन, ऊर्जा एवं शहरी आधारभूत ढांचे में 1,89,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।