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RBI ने IMPS के जरिये भेजी जाने वाली रकम की सीमा बढ़ाई, अब 2 लाख के बजाय 5 लाख रुपये कर सकेंगे ट्रांसफर

IMPS news अब आप दूसरे खाते में IMPS के जरिए दो लाख के बजाए 5 लाख रुपए ट्रांसफर कर पाएंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को Immediate Payment Service (IMPS) ट्रांजैक्‍शन की सीमा बढ़ा दी।

By Ashish DeepEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 12:23 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 07:52 AM (IST)
RBI ने IMPS के जरिये भेजी जाने वाली रकम की सीमा बढ़ाई, अब 2 लाख के बजाय 5 लाख रुपये कर सकेंगे ट्रांसफर
IMPS लिमिट बढ़ने से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। अब आप दूसरे खाते में IMPS के जरिए दो लाख के बजाए 5 लाख रुपए ट्रांसफर कर पाएंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को Immediate Payment Service (IMPS) ट्रांजैक्‍शन की सीमा बढ़ा दी। National Payments Corp of India (NPCI) का IMPS सिस्‍टम ग्राहकों को 24 घंटे पैसा ट्रांसफर करने की सुविधा देता है। इसमें internet banking, mobile banking apps, bank branches, ATMs, SMS और IVRS सर्विस शामिल है। इस सर्विस को 2014 में शामिल किया गया था। तब इसमें कोई ट्रांजैक्‍शन 2 लाख से ऊपर का नहीं हो सकता था।

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वहीं SMS और IVRS चैनल के लिए प्रति ट्रांजैक्‍शन लिमिट 5000 है। अब RTGS भी राउंड द क्‍लॉक हो रहा है। RBI ने कहा कि RTGS के बाद अब IMPS के सेटलमेंट साइकिल को बढ़ाने के लिए ऐसा किया गया है। RBI ने बयान में कहा कि IMPS लिमिट बढ़ने से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा। अब ग्राहक दो लाख रुपए से अधिक के डिजिटल पेमेंट कर पाएंगे।

दूसरी तरफ, RBI ने प्रमुख ब्याज दरों में एक बार फिर से कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक के बाद बताया कि रेपो रेट (Repo Rate) को 4 फीसदी पर बरकरार रखा जबकि रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) को 3.35 फीसदी पर बनाए रखा है। 

रिजर्व बैंक ने 2021-22 के लिए जीडीपी में ग्रोथ (GDP Growth) के अनुमान को भी 9.5 फीसदी पर यथावत कायम रखा है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक तीन दिन की बैठक 6 अक्‍टूबर को शुरू हुई थी और 8 अक्‍टूबर तक चली है।

महामारी की पहली लहर के बीच 22 मई, 2020 को रेपो दर में 0.4 प्रतिशत कटौती के बाद से केंद्रीय बैंक ने पिछली आठ समीक्षाओं में नीतिगत दरों को यथावत रखा हुआ है। विशेषज्ञों ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने लगातार आठवीं बार नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखी है।


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