जीआइ उत्पादों के प्रोत्साहन के लिए चलेगा अभियान, कारीगर को मिलेगा आइपीआर
ज्यॉग्राफिकल इंडीकेशन मुख्य रूप से किसी क्षेत्र विशेष से जुड़े कृषि, प्राकृतिक वस्तु या पारंपरिक तौर पर निर्मित उत्पादों (हैंडीक्राफ्ट व इंडस्टियल गुड्स) को दिया जाता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बनारसी साड़ी जैसे किसी क्षेत्र विशेष से जुड़े उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने बड़ा अभियान शुरू किया है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु का कहना है कि इस अभियान का उद्देश्य स्थानीय कारीगरों और निर्माताओं को उपयुक्त बाजार मुहैया कराना और उन्हें प्रोत्साहन देना है।
कारीगरों को अधिकार: यहां बायो-एशिया 2018 कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमने ज्यॉग्रॉफिकल इंडीकेंशंस (जीआइ) के प्रत्येक उत्पाद जो किसी क्षेत्र विशेष से जुड़े हैं, के प्रचार के लिए अभियान शुरू किया है। बनारसी साड़ी जैसे प्रत्येक उत्पाद की पहचान होने के बाद उससे जुड़े हर कारीगर को आइपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) मिलेगा। हमने इसके लिए बड़ा अभियान शुरू किया है। इस अभियान में सभी राज्यों को जोड़ा जाएगा।
क्या होगा फायदा: ज्यॉग्राफिकल इंडीकेशन मुख्य रूप से किसी क्षेत्र विशेष से जुड़े कृषि, प्राकृतिक वस्तु या पारंपरिक तौर पर निर्मित उत्पादों (हैंडीक्राफ्ट व इंडस्टियल गुड्स) को दिया जाता है। इस तरह के विशिष्ट नाम के उत्पाद क्वालिटी और खासियत का भरोसा देते हैं जो किसी क्षेत्र विशेष से संबद्ध होता है। इस भरोसे के चलते ग्राहक उत्पाद खरीदेंगे तो कारीगरों को आर्थिक लाभ मिलेगा। बनारसी साड़ी जैसे क्षेत्र विशेष के उत्पाद बनाने वाले कारीगरों को सरकार के इस अभियान से लाभ मिलेगा।
तमाम देश में भारत में निवेश के लिए इच्छुक
सुरेश प्रभु ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के नियम उदार होने के बाद तमाम देश भारत में निवेश के अवसर तलाश रहे हैं। कारोबारी सुगमता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी रैंकिंग जिला स्तर पर होनी चाहिए। अगर सभी जिलों की विकास दर अगर तीन फीसद बढ़ जाती है तो पूरे देश की जीडीपी भी तीन फीसद सुधर जाएगी। व्यापार घाटे पर एक सवाल के जवाब में प्रभु ने कहा कि निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है। विदेशी निवेश में भी लगातार इजाफा हो रहा है। जब से एफडीआइ के नियम उदार हुए हैं, बड़ी संख्या में देश निवेश के लिए इच्छुक हैं।