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केयर्न-वेदांता मर्जर इस वित्त वर्ष के आखिर तक संभव: अनिल अग्रवाल

खनन मुगल अनिल अग्रवाल ने बताया कि उनके समूह की तेल सहायक केयर्न इंडिया और पैरेंट फर्म वेदांता के बीच होने वाला मर्जर इस वित्त वर्ष के आखिर में हो जाएगा

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 07 Oct 2016 12:55 PM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2016 12:59 PM (IST)
केयर्न-वेदांता मर्जर इस वित्त वर्ष के आखिर तक संभव: अनिल अग्रवाल

नई दिल्ली: खनन मुगल अनिल अग्रवाल ने बताया कि उनके समूह की तेल सहायक केयर्न इंडिया और पैरेंट फर्म वेदांता के बीच होने वाला मर्जर इस वित्त वर्ष के आखिर में हो जाएगा। अनिल अग्रवाल ने बताया, “शेयरहोल्डर्स ने इसे अपनी मंजूरी दे दी अब इसे हाईकोर्ट से अनुमति मिलना बाकी है। हमें उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष के आखिर में इसके पूरा होने की उम्मीद है।”

विलय की यह प्रक्रिया अब हाईकोर्ट और नियामकों की मंजूरी के इंतजार में है। इस मर्जर के जरिए अग्रवाल भारत की सबसे बड़ी विविध प्राकृतिक संसाधन फर्म बनाने की तैयारी में हैं, जो कि बीएचपी बिल्टन और वेल एसए से प्रतिस्पर्धा कर सके। आपको बता दें कि बीते माह मर्जर की प्रक्रिया के तहत अग्रवाल ने बड़ी सफलता हासिल की थी जब शेयरधारकों (शेयरहोल्डर्स) ने इस विलय को मंजूरी दे दी थी।

74.65 माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स ने मर्जर के पक्ष में डाले थे वोट

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सितंबर महीने में वेदांता रिसोर्सेज के शेयरधारकों ने भी मर्जर को अनुमति दे दी थी। वेदांता के छोटे शेयरधारकों का हिस्सा 29.7 फीसदी और केयर्न इंडिया के छोटे शेयर धारकों का हिस्सा 20.2 फीसदी होगा। 74.65 फीसदी छोटे शेयरधारकों का वोट मर्जर के पक्ष में पड़ा। एलआईसी के पास केयर्न इंडिया के 9.06 फीसदी शेयर हैं, जबकि केयर्न पीएलसी की कंपनी में 9.82 फीसदी हिस्सेदारी है।

शेयरधारकों की हां के बाद अनिल अग्रवाल ने क्या कहा

वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि भारत को खनिज संपदा पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए ताकि इसके आयात में कमी हो सके। उन्होंने कहा कि अपने संसाधनों पर ध्यान देने से देश में रोजगार बढ़ेगा। अग्रवाल ने कहा कि हमारे पास भरपूर संसाधन हैं और हमें उनके दोहन के बारे में सोचना चाहिए। मर्जर के बारे में बात करते हुए उन्होने कहा कि इससे एक ऐसी कंपनी बनेगी जो इस काम में मदद कर सकती है।

केर्यन-वेदांता मर्जर के लिए अग्रवाल ग्रुप ने जुलाई में किया था एडिशनल प्रेफरेंस शेयर देने का वादा

केयर्न इंडिया जहां एक ओर कैश रिच ऑयल कंपनी है वहीं वेदांता लिमिटेड फिलहाल कर्ज के दबाव में है। वेदांता पर 77,952 करोड़ रुपए का कर्ज है। इन दोनों कंपनियों के मर्जर के लिए अनिल अग्रवाल ग्रुप ने इसी साल जुलाई में एडिशनल प्रेफरेंस शेयर देने का वादा किया था।

क्या हुई डील

रिवाइज्ड ऑफर के मुताबिक वेदांता केयर्न इंडिया के माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स (छोटे शेयरधारकों) को एक शेयर के बदले 10 रुपए की फेस वैल्यू वाले 4 रिडीमेबल प्रेफरेंस शेयर देगी। प्रेफरेंस शेयर पर अगले 18 महीनों के लिए 7.5 पर्सेंट का कूपन रेट होगा। ऐसा माना जा रहा है कि वेदांता केयर्न के पास पड़े 23,290 करोड़ रुपए के कैश का इस्तेमाल करना चाहती है।


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