खुशखबरी: इस बार गर्मियों में कम होगी बिजली कटौती
इस बार की गर्मी में हो सकता है देश को बिजली की बड़ी कटौती से नहीं जूझना पड़े। सरकार ने गैस की अभाव में बंद पड़े लगभग ढाई दर्जन बिजली प्लांटों को नए सिरे से गैस आपूर्ति बहाल करने का फैसला किया है। देश में इतनी गैस तो नहीं है
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। इस बार की गर्मी में हो सकता है देश को बिजली की बड़ी कटौती से नहीं जूझना पड़े। सरकार ने गैस की अभाव में बंद पड़े लगभग ढाई दर्जन बिजली प्लांटों को नए सिरे से गैस आपूर्ति बहाल करने का फैसला किया है। देश में इतनी गैस तो नहीं है कि इन सभी को गैस मिल सके। इसलिए एक नया फॉर्मूला लाया गया है। इसके तहत बिजली प्लांट को बोली लगाकर गैस खरीदनी होगी। लेकिन गैस खरीदने में सरकार की तरफ से इन्हें सब्सिडी भी दी जाएगी। इससे 14 हजार मेगावॉट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन शुरू हो सकता है।
बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला किया गया। इन बारे में बिजली व कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि 31 पावर प्लांट गैस के अभाव में बंद है। इनकी क्षमता 14 हजार मेगावॉट से ज्यादा है। सरकार का नया फॉर्मूला यह है कि देश में उपलब्ध गैस का एक पूल बनेगा। इनके लिए बिजली प्लांट बोली लगाएंगे। सबसे कम बोली लगाने वाले को गैस मिलेगी। लेकिन केंद्र सरकार इस प्रक्रिया को किफायती बनाने के लिए कोई भी शुल्क नहीं लेगी। बाहर से गैस लाने पर भी कोई शुल्क नहीं लगेगा। देश के गैसीकरण प्लांट भी तमाम तरह के शुल्कों में रियायत देने को तैयार हैं। सरकार की तरफ से गैस आधारित बिजली प्लांट को राहत के लिए सीधे बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी दी जाएगी। यह फार्मूला सफल होता है तो देश की बिजली उत्पादन क्षमता में लगभग चार फीसद की बढ़ोतरी होगी।
गोयल ने कहा कि इस फैसले की वजह से इस बार गर्मियों में बिजली की कटौती कम होगी। कोशिश यह की जा रही है कि गैस आधारित बिजली प्लांट से पीक आवर (ज्यादा मांग के समय) में बिजली उत्पादन हो। इसका दूसरा फायदा इन प्लांट को कर्ज देने वाले बैंकों को होगा। बैंकों ने गैस आधारित बिजली परियोजनाओं को 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दे रखा है। अभी इनका कर्ज फंसा हुआ है। जब ये प्लांट शुरू होंगे तो बैंकों का पैसा भी लौट सकेगा। अभी ये प्लांट क्षमता का महज 30-40 फीसद ही इस्तेमाल कर सकेंगे। बाद में गैस की उपलब्धता बढऩे के बाद ज्यादा बिजली बन सकेगी।
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