पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन में आरईसी के विलय को मंजूरी
पीएफसी में आरईसी के विलय से सरकार को 15,000 करोड़ मिलने की उम्मीद है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आरईसी लि. में सरकार की 52.63 फीसद हिस्सेदारी पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) को बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। पीएफसी में आरईसी के विलय से सरकार को 15,000 करोड़ मिलने की उम्मीद है।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि सीसीईए ने आरईसी में समूची 52.63 फीसद सरकारी हिस्सेदारी पीएफसी को रणनीतिक बिक्री के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सरकार आरईसी का प्रशासनिक नियंत्रण भी पीएफसी को सौंप देगी। सितंबर के अंत में सरकार के पास आरईसी की 57.99 फीसद और पीएफसी की 65.64 फीसद हिस्सेदारी थी लेकिन ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) के जरिये शेयर बिक्री के कारण आरईसी में उसकी हिस्सेदारी घटकर 52.63 फीसद रह गई।
जेटली ने वित्त वर्ष 2017-18 का बजट पेश करते हुए एक ही क्षेत्र में काम कर रहे सार्वजनिक उपक्रमों के बीच विलय का विचार रखा था। उन्होंने कहा था कि विलय और अधिग्रहण के जरिये केंद्रीय उपक्रमों को मजबूत बनाने का अवसर है।
नई कृषि निर्यात को हरी झंडी: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति का उद्देश्य 2022 तक कृषि निर्यात बढ़ाकर दोगुना करना है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि चाय, कॉफी और चावल जैसे कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना नई पॉलिसी का मकसद है। इससे ग्लोबल एग्री ट्रेड में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी।