बजट 2017: कामगारों और श्रमिकों के लिए ये रहा इस बजट में खास
वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि मौजूदा श्रम कानूनों को सरल एवं तर्कसंगत बनाया जाएगा ताकि उत्पादकता में बढ़ोतरी संभव हो सके
नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को संसद में आम बजट 2017-18 पेश करते हुए कहा कि सरकार कामगारों से जुड़ा एक ऐसा अनुकूल माहौल बनाना चाहती है जिसमें कामगारों के अधिकारों का संरक्षण हो और सामंजस्यपूर्ण श्रमिक संबंध बने रहें। आइए एक नजर डालते है बजट में इस क्षेत्र से जुड़ी अहम घोषणाओं पर...
- वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि मौजूदा श्रम कानूनों को सरल एवं तर्कसंगत बनाया जाएगा ताकि उत्पादकता में बढ़ोतरी संभव हो सके।
- इसके लिए इन कानूनों में चार प्रमुख संहिताओं का विलय करने के लिए विधाई सुधारों को लागू किया जाएगा।
- इन चार संहिताओं में ये शामिल हैं:- (1) पारिश्रमिक, (2) औद्योगिक संबंध, (3) सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण (4) सुरक्षा एवं कार्य की स्थितियां
- मॉडल शॉप एवं प्रतिष्ठान विधेयक 2016 की प्रतियां सभी राज्यों को मुहैया करा दी गई हैं।
- जिसका असर महिलाओं को अधिक रोजगार उपलब्ध कराने पर भी होगा।
- पारिश्रमिक भुगतान अधिनियम में भी संशोधन किया जाएगा। ताकि कामगारों के हित के साथ-साथ कारोबार करने में भी सुगमता आए।