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Budget 2021: पेट्रोलियम सब्सिडी में भारी कमी तय, चालू वित्त वर्ष के लिए 40,912 करोड़ रुपये का हुआ था बजटीय प्रावधान

चालू वित्त वर्ष के लिए पिछले वर्ष फरवरी में पेश किए गए आम बजट में पेट्रोलियम सब्सिडी के तौर पर 40915 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया था। लेकिन शुरुआती दो तिमाहियों में पेट्रोलियम सब्सिडी के तौर पर सिर्फ 1314 करोड़ रुपये की सब्सिडी सरकारी खजाने से गई है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 08:56 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 07:23 AM (IST)
Budget 2021: पेट्रोलियम सब्सिडी में भारी कमी तय, चालू वित्त वर्ष के लिए 40,912 करोड़ रुपये का हुआ था बजटीय प्रावधान
पेट्रोलियम उत्पादों के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Pixabay

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राजस्व संतुलन के मोर्चे पर कई चुनौतियों से जूझ रहीं वित्त मंत्री इस बात पर राहत की सांस ले सकती हैं कि कम से कम पेट्रोलियम सब्सिडी का बोझ उन्हें अगले वित्त वर्ष में नहीं उठाना पड़ेगा। कोरोना काल में पेट्रोलियम सब्सिडी का हिसाब-किताब इस तरह से बना है कि चालू वित्त वर्ष के लिए आवंटित राशि में से बड़ा हिस्सा बच जाने वाला है।

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चालू वित्त वर्ष के लिए पिछले वर्ष फरवरी में पेश किए गए आम बजट में पेट्रोलियम सब्सिडी के तौर पर 40,915 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया था। लेकिन शुरुआती दो तिमाहियों में पेट्रोलियम सब्सिडी के तौर पर सिर्फ 1,314 करोड़ रुपये की सब्सिडी सरकारी खजाने से गई है। ऐसे में उम्मीद है कि इस बार वित्त मंत्री पेट्रोलियम सब्सिडी के तौर पर बहुत ही कम राशि का प्रविधान करेंगी।

चालू वित्त वर्ष के लिए किया गया प्रावधान पिछले वित्त वर्ष के लिए इस मद में आवंटित राशि से छह फीसद ज्यादा राशि थी। हर वर्ष इस मद में जितना प्रविधान होता रहा है, वास्तविक राशि उससे ज्यादा ही रहती थी। इस साल यह पहला मौका है जब वास्तविक तौर पर देय पेट्रोलियम सब्सिडी बजटीय आवंटन से बेहद कम है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में हुई भारी गिरावट के बाद सितंबर, 2020 में सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर और बगैर सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत के लगभग बराबर हो गया था।

इसकी वजह से घरेलू एलपीजी को सब्सिडी जारी रखने की जरूरत ही नहीं रही। आम बजट में एलपीजी सब्सिडी के लिए ही 37,256 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। संभवत: इसके लिए कोरोना काल और इस दौरान सरकार के खजाने की वित्तीय स्थिति भी रही।

आज की तारीख में कुछ शहरों में एलपीजी सब्सिडी पूरी तरह से खत्म कर दी गई है। जबकि कुछ शहरों में जनवरी, 2021 में ग्राहकों को 15 रुपये से 20 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दी गई है। ग्रामीण और दुर्गम स्थानों के लिए सब्सिडी ज्यादा होती है।

गुलबर्ग (कर्नाटक) में 14 केजी एलपीजी सिलेंडर की कीमत 720.50 रुपये है और जिन ग्राहकों ने सब्सिडी लेनी जारी रखी है उनके खाते में 7.10 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दी गई है। इलाहाबाद में सिलेंडर की कीमत 747 रुपये और सब्सिडी की राशि 48.55 रुपये, अमृतसर में कीमत 735 रुपये और सब्सिडी 27.54 रुपये, हैदराबाद में कीमत 746.50 रुपये और सब्सिडी की राशि 40.70 रुपये है।

आगे भी यही स्थिति बने रहने की पूरी संभावना है। इसी तरह से केरोसिन सब्सिडी भी पूरी तरह से समाप्त हो गई है। देश के अधिकांश घर को एलपीजी व बिजली कनेक्शन से जोड़ने के बाद केरोसिन सब्सिडी जारी रखने की कोई जरुरत भी नहीं है। दरअसल, केंद्र सरकार पेट्रोलियम सब्सिडी देने के पूरे प्रारूप को बदल चुकी है। अब सिर्फ गरीब लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी पर गैस कनेक्शन और सिलेंडर उपलब्ध कराने के मामले में सब्सिडी देने का प्रावधान है। सब्सिडी से बची राशि का उपयोग दूसरे समाजिक व ढांचागत विकास के कार्यो में हो रहा है।


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