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Budget 2021: एल्युमीनियम सेक्टर ने की सीमा शुल्क में बढ़ोतरी की मांग, कोयले पर जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस खत्म करने की भी अपील

एएआइ ने कहा कि प्राइमरी मेटल और एल्युमीनियम स्क्रैप पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 10 फीसद करने की जरूरत है। साथ ही कोयले पर जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस खत्म करने का सुझाव भी दिया गया है। अभी कोयले पर 400 रुपया प्रति टन सेस लगता है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 08:06 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 10:15 AM (IST)
Budget 2021: एल्युमीनियम सेक्टर ने की सीमा शुल्क में बढ़ोतरी की मांग, कोयले पर जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस खत्म करने की भी अपील
एल्युमीनियम उद्योग ने एल्युमीनियम फ्लोराइड और कोल तार जैसे अहम कच्चे माल पर कस्टम ड्यूटी घटाने की अपील की है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। एल्युमीनियम उद्योग ने आगामी बजट में प्राइमरी एल्युमीनियम और एल्युमीनियम स्क्रैप पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 10 फीसद करने की मांग की है। एल्युमीनियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएआइ) का कहना है कि बढ़ते आयात के कारण घरेलू एल्युमीनियम उद्योग संकट का सामना कर रहा है।

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आगामी बजट से पहले एएआइ ने सरकार के समक्ष अपने प्रजेंटेशन में कहा, 'इस चुनौतीपूर्ण दौर से निकलने के लिए भारतीय एल्युमीनियम उद्योग को सरकार से तत्काल सहयोग की जरूरत है। यह उद्योग बजट में अपने लिए समर्थन की उम्मीद कर रहा है।'

उद्योग की ओर से सुझाव देते हुए एएआइ ने कहा कि प्राइमरी मेटल और एल्युमीनियम स्क्रैप पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 10 फीसद करने की जरूरत है। साथ ही कोयले पर जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस खत्म करने का सुझाव भी दिया गया है। अभी कोयले पर 400 रुपया प्रति टन सेस लगता है।

एल्युमीनियम उद्योग ने एल्युमीनियम फ्लोराइड और कोल तार जैसे अहम कच्चे माल पर कस्टम ड्यूटी घटाने की अपील भी की है। एएआइ ने कहा, 'बढ़ती उत्पादन एवं लॉजिस्टिक्स लागत के कारण उद्योग मुश्किल का सामना कर रहा है। कोरोना महामारी ने चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। महामारी के कारण घरेलू एल्युमीनियम की मांग और कम हो गई है। दूसरी ओर, केंद्र एवं राज्य के करों के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारतीय उद्योग अन्य वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के सामने नहीं टिक पाता है।'

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