मध्यमवर्ग को राहत, ग्रामीण विकास पर जोर, छोटे कारोबारियों के लिए भी सौगत
दो हजार रुपए से ज्यादा का राजनीतिक चंदा अब कैश में नहीं लिया जा सकेगा। बजट में छोटे कारोबारियों के लिए भी खुशखबरी है
नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली की सबसे बड़ी खासियत इनकम टैक्स में राहत रही। अब 3 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 2.5 से 5 लाख की आय पर अब 5 फीसदी टैक्स लगेगा। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की अवधि 3 साल से घटाकर 2 साल कर दी गई है। कैश ट्रांजेक्शन की सीमा 3 लाख रुपए कर दी गई है। दो हजार रुपए से ज्यादा का राजनीतिक चंदा अब कैश में नहीं लिया जा सकेगा। बजट में छोटे कारोबारियों के लिए भी खुशखबरी है।
पेश हैं बजट की खास बातें -
इनकम टैक्स में राहत
- 2.5 से पांच लाख तक की आय वालों पर पहले दस फीसदी टैक्स था, जो अब घटाकर पांच फीसदी कर दिया गया है। यानी तीन लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा।
- 3 से 3.5 लाख आय वालों को 2500 रुपए टैक्स लगेगा।
- पांच लाख रुपए से अधिक की आय पर 12,500 रुपए की छूट दी गई है। वहीं, 50 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक की आय पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया जाएगा। इंश्योरेंस एजेंट्स के लिए टीडीएस में छूट दी गई है।
मध्यमवर्ग का खास ख्याल
- सरकार वर्ष 2019 यानी महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक एक करोड़ परिवारों को गरीबी से निजात दिलाने, 50,000 ग्राम पंचायतों को गरीबी मुक्त बनाने के लिए अंत्योदय मिशन पर काम करेगी।
- सस्ते घरों की स्कीम का दायरा बढ़ाया गया है। सस्ते घरों की योजना में बड़े घर मिलेंगे, बिल्ट अप एरिया कार्पेट एरिया माना जाएगा।
- घरों के लिए कैपिटल गेन्स की सीमा 3 साल से 2 साल हुई।
- भूमिअधिग्रहण पर मुआवजा कर मुक्त होगा।
- LIC वरिष्ठ नागरिकों के लिए खास स्कीम लाएगी। यहां बुजुर्गों को आठ फीसदी सुनिश्चित रिटर्न दिया जाएगा।
ग्रामीण विकास पर जोर
- किसानों और गरीबों के लिए सरकार खासतौर पर प्रयासरत।
- ग्रामीण और कृषि से जुड़े क्षेत्रों के लिए 1 लाख 87 हजार करोड़ 223 रुपए का प्रावधान।
- मई 2018 तक हर गांव में बिजली का लक्ष्य। 14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों में 500 करोड़ की लागत से ग्रामीण स्तर पर महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
- वर्ष 2017-18 में कृषि ऋण के लिए ऐतिहासिक रूप से 10 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया गया है।
- मार्च 2017 तक करीब 10 लाख तालाबों का निर्माण पूरा किए जाने की उम्मीद है।
- पिछले वित्त वर्ष में मनरेगा के लिए 38,500 करोड़ रुपए दिए गए थे, जिसे अब बढ़ाकर 48,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
- मनरेगा के लिए आवंटित बजट में अब तक की यह सबसे बड़ी धनराशि है।
- मानसून की स्थिति देखते हुए आर्थिक सुधार के प्रयास जारी रहेंगे।
डिजिटलाइजेशन पर जोर
- भारत को इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने पर जोर।
- ई-टिकट पर सर्विस टैक्स नहीं। रेल यात्रा सस्ती होगी। भ्रष्टाचार हटाने के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था जरूरी।
- भीम एप से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। 125 लाख लोगों ने भीम ऐप को अपनाया।
- इसे बढ़ाने के लिए दो नई स्कीमें।
- मोबाइल क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को बढ़ावा। भारत नेट परियोजना के लिए 10,000 करोड़ के बजट का प्रस्ताव। - - इसके अंतर्गत 1,55,000 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाई जा चुकी है।
- डिजि गांव नामक एक अन्य अभियान की शुरुआत भी की जाएगी।
कारोबारियों को छूट
- 50 करोड़ टर्नओवर तक की कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स पांच फीसदी घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है। - - नोटबंदी का फायदा जीडीपी ग्रोथ और राजस्व के रूप में सामने आएगा।
- अगले साल तक नोटबंदी का असर समाप्त हो जाएगा और कंपनियों को फायदा नजर आएगा।
- चंदे पर शिकंजा अब राजनीतिक पार्टियां दो हजार रुपए से अधिक का चंदा नकद में नहीं ले सकेंगी। इससे ज्यादा लेने पर हिसाब देना होगा।
- यह चंदा चेक या डिजिटल मोड से लिया जाए।
आधार से बनेंगे हेल्थ कार्ड
- प्रशिक्षित डॉक्टरों के लिए 5 हजार पोस्ट ग्रेजुएट सीटें रखी जाएंगी और ट्रेनिंग दी जाएगी।
- नवजात मृत्यु दर कम करने का लक्ष्य। गर्भवती महिलाओं अकाउंट में 6 हजार रुपए सीधे डाले जाएंगे।
- गरीबों और वंचितों के लिए सबका साथ और सबका विकास के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं के विकास पर जोर।
- एससी के लिए 52 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान। अल्पसंख्यकों के लिए 4 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान।
- आधार आधारित हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे।
- गुजरात-झारखंड में एम्स खोले जाएंगे।
- दवाओं के दाम घटाने के लिए योजना बनाई जाएगी।
- 2025 तक टीबी, 2018 तक चेचक, कुष्ठ रोग को खत्म किया जाएगा।
रेल सेवा के लिए ये खास
- ई-टिकट पर सर्विस टैक्स नहीं। यात्रा सस्ती होगी।
- मेट्रो रेल के लिए नई नीति की घोषणा की जाएगी।
- दिव्यांगों के लिए स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए जाएंगे।
- अगले वित्त वर्ष में 3500 किमी रेल लाइन कमिशन की जाएंगी। धार्मिक यात्राओं के लिए अलग से सर्किट।
- सुरक्षा के लिए अगले पांच सालों के 1 लाख करोड़। 2020 तक ब्रॉडगैज लाइन पर मेनलेस क्रॉसिंग खत्म होंगे।
-रेलवे के 1.31 लाख करोड़ के बजट में से 55 हजार करोड़ केंद्र देगा।
गर्भवती महिलाओं का ख्याल
अस्पतालों में बच्चे को जन्म देने और बच्चे का पूरा टीकाकरण कराने वाली गर्भवती महिलाओं के बैंक खातों में देशभर में कुल मिलाकर करीब 6,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘स्वयं’
- सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर कम से कम 350 पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए ‘स्वयं’ नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू करने का प्रस्ताव है। इन पाठ्यक्रमों को सर्वोत्म अध्यापकों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया जाएगा। यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को आभासी रूप से पाठ्यक्रम में उपस्थित होने, उच्च गुणवत्ता वाले पठन संसाधनों तक पहुंच, वाद-विवाद मंचों पर भागीदारी एवं परीक्षा देने एवं अकादमिक ग्रेड प्राप्त करने में समर्थ बनाएगा।