इक्विटी के बदले में बीएसएनएल को चाहिए 4जी स्पेक्ट्रम
बीएसएनएल के लिए 2100 मेगाहट्र्ज बैंड में अतिरिक्त स्पेक्ट्रम खरीदना देशभर में एलटीई के माध्यम से 4जी सेवाओं की शुरुआत के लिए अहम है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अपनी 4जी सेवाएं शुरू करने से पहले भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने केंद्र सरकार के सामने 2100 मेगाहट्र्ज बैंड में पांच मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की मांग रखी है। सार्वजनिक क्षेत्र की यह दूरसंचार कंपनी इसके एवज में सरकार को अतिरिक्त इक्विटी की पेशकश के जरिये आधा भुगतान करना चाहती है।
सूत्रों का कहना है कि बीएसएनएल के लिए 2100 मेगाहट्र्ज बैंड में अतिरिक्त स्पेक्ट्रम खरीदना देशभर में एलटीई के माध्यम से 4जी सेवाओं की शुरुआत के लिए अहम है। कंपनी के निदेशक बोर्ड ने 21 दिसंबर को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को हरी झंडी दे दी थी। इसमें पूंजी व्यय के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर 4जी सेवा शुरू करने के लिए जरूरी स्पेक्ट्रम का मुद्दा भी शामिल है। कंपनी के पास इस वक्त 2100 मेगाहट्र्ज में पांच मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम है। यह 4जी मोबाइल सेवाओं की शुरुआत के लिए काफी है। लेकिन देशभर में इस सेवा के विस्तार के लिए कंपनी को इतने ही स्पेक्ट्रम की और जरूरत होगी।
बीएसएनएल के सीएमडी अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि डीपीआर को सरकार के पास भेजा जाएगा। कंपनी राजस्थान के अलावा सभी सर्किलों में 2100 मेगाहट्र्ज में स्पेक्ट्रम मांग रही है। इसकी कुल कीमत 9,600 करोड़ रुपये के करीब होगी। कंपनी चाहती है कि उसे इसमें से आधी राशि का भुगतान इक्विटी के तौर पर करने की इजाजत दी जाए।