Move to Jagran APP

बहुरने लगे BSNL के दिन; वेंडर्स के 1,700 करोड़ रुपये का भुगतान, कर्मचारियों को नवंबर की सैलरी मिली

BSNL Revival Plan नरेंद्र मोदी सरकार ने बीएसएनएल-एमटीएनएल के पुनरोद्धार के लिए 69000 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी अक्टूबर में दी थी।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 04:32 PM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 08:43 AM (IST)
बहुरने लगे BSNL के दिन; वेंडर्स के 1,700 करोड़ रुपये का भुगतान, कर्मचारियों को नवंबर की सैलरी मिली
बहुरने लगे BSNL के दिन; वेंडर्स के 1,700 करोड़ रुपये का भुगतान, कर्मचारियों को नवंबर की सैलरी मिली

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पिछले कई साल से घाटा झेल रही सरकारी स्वामित्व वाली टेलीकॉम कंपनी BSNL की वित्तीय सेहत सुधरने लगी है। इसकी झलक  इस बात से मिलती है कि कंपनी ने हाल में अपने वेंडर्स और कॉन्ट्रैक्टर्स को 1,700 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इसके साथ ही कंपनी के कर्मचारियों को नवंबर का वेतन भी मिल गया है। BSNL के सीएमडी पी के पुरवार ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुरवार ने बताया कि हर महीने कर्मचारियों के वेतन पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आता है। हालांकि, पुरवार के मुताबिक कंपनी पर कर्जदाताओं का अब भी 10,000 करोड़ रुपये का बकाया है।  

loksabha election banner

पुनरोद्धार के लिए सरकार है प्रयासरत 

सरकार लंबे समय से सरकारी दूरसंचार कंपनियों BSNL और MTNL के पुनरोद्धार के लिए काम कर रही है। इस साल अक्टूबर में नरेंद्र मोदी सरकार ने इन दोनों कंपनियों के पुनरोद्धार के लिए 69,000 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी थी। इसके तहत दोनों कंपनियों के विलय और उनकी परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण की योजना है। इसके साथ ही कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लायी गई है। इन प्रयासों के जरिए सरकार का लक्ष्य दो साल में कंपनी के फायदे में लाना है। 

वीआरएस से सालाना 8,800 करोड़ रुपये की बचत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने एमटीएनएल के बीएसएनएल में विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। एमटीएनएल दिल्ली और मुंबई में अपनी सेवाएं देता है जबकि बीएसएनएल की सर्विस देश के अन्य हिस्सों में है। दोनों कंपनियों ने हाल में अपने कर्मचारियों के लिए वीआरएस योजना पेश की थी। हजारों कर्मचारियों ने इस योजना के तहत वीआरएस के लिए आवेदन किया है। इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि हर साल 8,800 करोड़ रुपये की बचत होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.