BSE, NSE ने छोटी और मझोली कंपनियों को दी राहत, सालाना लिस्टिंग फीस में 25% की कमी
कोविड-19 की वजह से आर्थिक गतिविधियों के ठप पड़ जाने से SMEs बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कुछ SMEs बहुत अधिक वित्तीय दबाव का सामना कर रहे हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। BSE और NSE ने अपने SMEs प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होने वाली छोटी एवं मझोली कंपनियों के लिए सालाना लिस्टिंग फीस में 25 फीसद की कमी का सोमवार को एलान किया। शेयर बाजारों ने कोरोना वायरस महामारी से छोटी एवं मझोली कंपनियों को पेश आ रही दिक्कतों को देखते हुए यह कटौती की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (MSME) सेक्टर के लिए की गई कई घोषणाओं के बाद लिस्टिंग फीस में यह कमी की गई है। BSE की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि संशोधित लिस्टिंग फीस पूर्व से लिस्टेड कंपनियों और लिस्टिंग का इंतजार कर रही कंपनियों पर लागू होगा।
BSE SME and Startups के प्रमुख अजय ठाकुर ने कहा, ''इस समय कोविड-19 महामारी की वजह से भारत अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हमारी जिम्मेदारी SMEs को सपोर्ट करने का है, जो हमारी देश की इकोनॉमी की रीढ़ हैं। हमें उम्मीद है कि इन उपायों और सरकार की ओर से उठाए गए कदमों से SMEs को रिवाइव करने में मदद मिलेगी। साथ ही हजारों SMEs को लिस्टिंग के लिए बल मिलेगा।''
कोविड-19 की वजह से आर्थिक गतिविधियों के ठप पड़ जाने से SMEs बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कुछ SMEs बहुत अधिक वित्तीय दबाव का सामना कर रहे हैं।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने कहा कि वह कोरोना महामारी से मुकाबले में सरकार के साथ है। एक्सचेंज ने इकोसिस्टम और खासकर SMEs की दिक्कतों को दूर करने के लिए सहायता की प्रतिबद्धता जाहिर की।
NSE ने कहा है, ''SMEs को पेश आर रही दिक्कतों को देखते हुए NSE ने एक्सचेंज के EMERGE प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड SME कंपनियों को 25 फीसद की छूट देने का निर्णय किया है।''