लागत ज्यादा होने के बावजूद बीएस-6 ईंधन की कीमत नहीं बढ़ाएंगी ऑयल कंपनियां
सरकार की योजना के मुताबिक इस सप्ताह बुधवार से देशभर में सबसे स्वच्छ बीएस-6 मानक वाले ईंधन की बिक्री शुरू हो गई है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार की योजना के मुताबिक इस सप्ताह बुधवार से देशभर में सबसे स्वच्छ बीएस-6 मानक वाले ईंधन की बिक्री शुरू हो गई है। बीएस-4 के मुकाबले इस ईंधन के उत्पादन में ज्यादा लागत आने के बावजूद सरकारी तेल कंपनियों ने फैसला किया है कि ग्राहकों से ज्यादा कीमत नहीं वसूली जाएगी। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने बताया है कि देश में कोविड-19 की वजह से जिस तरह से लॉकडाउन हुआ है, उसे देखते हुए यह फैसला किया गया है कि ज्यादा कीमत ग्राहकों से नहीं वसूली जाएगी।
वैसे बुधवार से कुछ राज्यों ने पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले वैट की दरें बढ़ाई हैं, जिससे ये थोड़े महंगे हुए हैं। कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र समेत कुछ अन्य राज्यों ने वैट की दरें बढ़ाई हैं।सरकार ने वर्ष 2015 में यह फैसला किया था कि इस वर्ष पहली अप्रैल से देश में बीएस-4 से सीधे बीएस-6 मानक वाले पेट्रोल व डीजल की बिक्री की जाएगी। बीएस-5 ईंधन की बिक्री भारत ने टाल दी।
बीएस-6 ईंधन पर्यावरण के लिहाज से ज्यादा स्वच्छ है। इसकी वजह से सरकारी तेल कंपनियों को अपनी रिफाइनरी में 35 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करना पड़ा। माना जा रहा था कि नए मानक वाले पेट्रोल व डीजल पहले के मुकाबले 1.50 रुपये तक महंगे हो जाएंगे। लेकिन फरवरी, 2020 के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का जो रुख है उससे तेल कंपनियों को काफी मदद मिली है।
इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 64 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 25 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इसका पूरा फायदा कंपनियों ने कीमतों में आम जनता को नहीं दी है। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि सरकार ने भी पेट्रोल व डीजल पर केंद्रीय शुल्कों में वृद्धि कर दी है। अब राज्यों ने भी लोकल टैक्स बढ़ा दिया है। लेकिन कच्चे तेल की कीमत में गिरावट इतनी ज्यादा है कि तेल कंपनियों को लगता है कि मौजूदा हालात में वह अतिरिक्त लागत की भरपाई कर सकती हैं। वैसे भी लॉकडाउन की वजह से पेट्रोल व डीजल की बिक्री काफी घट गई है।