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निजी हाथों में जाएगी BPCL, राष्ट्रीयकरण कानून को 2016 में ही रद्द कर चुकी है सरकार

उधर भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन की हिस्सेदारी निजी क्षेत्र को बेचने को लेकर क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सरकार को चेतावनी दी है।

By NiteshEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 07:42 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 07:51 AM (IST)
निजी हाथों में जाएगी BPCL, राष्ट्रीयकरण कानून को 2016 में ही रद्द कर चुकी है सरकार
निजी हाथों में जाएगी BPCL, राष्ट्रीयकरण कानून को 2016 में ही रद्द कर चुकी है सरकार

नई दिल्ली, पीटीआइ। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) अब पूरी तरह से निजी हाथों में चली जाएगी। सरकार बीपीसीएल के राष्ट्रीकरण संबंधी कानून को 2016 में रद्द कर चुकी है। ऐसे में अब बीपीसीएल को निजी या विदेशी कंपनियों को बेचने के लिए संसद की अनुमति की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, एक वक्त ये कहा जा रहा था कि बीपीसीएल के निजीकरण के लिए संसद की मंजूरी लेनी होगी। निरसन एवं संशोधन कानून, 2016 के तहत 187 बेकार और पुराने कानूनों को समाप्त किया गया है। इसमें 1976 कानून भी शामिल है जिसके जरिये पूर्ववर्ती बुरमाह शेल का राष्ट्रीयकरण किया गया था।

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एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस कानून को समाप्त कर दिया गया है। ऐसे में बीपीसीएल के लिए संसद की मंजूरी नहीं चाहिए। बता दें कि सरकार घरेलू ईंधन खुदरा कारोबार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को लाना चाहती है जिससे प्रतिस्पर्धा बढे। इसी क्रम में सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी 53.3 फीसद हिस्सेदारी रणनीतिक भागीदार को बेचने के लिए तैयार है।

ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बीपीसीएल के निजीकरण से घरेलू ईंधन खुदरा बिक्री कारोबार में काफी उथलपुथल आ सकती है। क्योंकि वर्षों से इस क्षेत्र पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का दबदबा रहा है। हालांकि, दूसरी ओर बीपीसीएल के निजीकरण से सरकार को 1.05 लाख करोड़ रुपय के विनिवेश लक्ष्य में से कम से कम एक-तिहाई मिल सकता है। गौरतलब है कि चार अक्टूबर को बाजार बंद होने के समय बीपीसीएल का बाजार पूंजीकरण 1.11 लाख करोड़ रुपये था।

बीपीसीएल में हिस्सेदारी बेचकर सरकार को 60,000 करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं। इसमें नियंत्रण और ईंधन बाजार प्रवेश प्रीमियम भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर, 2003 में व्यवस्था दी थी कि बीपीसीएल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) का निजीकरण संसद की ओर से कानून के संशोधन के जरिये ही किया जा सकता है। संसद में पूर्व में कानून पारित कर इन दोनों कंपनियों का राष्ट्रीयकरण किया गया था।

उधर, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन की हिस्सेदारी निजी क्षेत्र को बेचने को लेकर क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सरकार को चेतावनी दी है। मूडीज ने कहा है कि अगर भारत सरकार बीपीसीएल की हिस्सेदारी निजी क्षेत्र को बेचकर उसके निजीकरण को आगे बढ़ाती है तो वह कंपनी की रेटिंग घटाकर ‘बीए-1’ कर देगा। 


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