Move to Jagran APP

जल्द मिल सकती है रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्टर डोज, निर्मला सीतारमण ने दिए संकेत

सीतारमण ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर की हालत का असर दूसरे क्षेत्रों खासतौर पर बुनियादी उद्योगों पर पड़ता है। उन्होंने कहा ‘सरकार इस क्षेत्र को लेकर काफी गंभीर है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 08:56 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 08:56 AM (IST)
जल्द मिल सकती है रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्टर डोज, निर्मला सीतारमण ने दिए संकेत
जल्द मिल सकती है रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्टर डोज, निर्मला सीतारमण ने दिए संकेत

मुंबई, पीटीआइ। लंबे समय से मंद पड़े रियल एस्टेट सेक्टर को सरकार से जिस तरह के मदद दरकार थी, उसके संकेत मिलने लगे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) रियल एस्टेट सेक्टर की मुश्किलें कम करने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि पूर्व में घोषित विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन उपायों में रियल्टी सेक्टर अछूता रह गया था। वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया कि बहुमत की सरकार किसी भी कीमत पर सुधार की गति धीमी नहीं पड़ने देगी और विकास की इस प्रक्रिया में कोई सेक्टर अछूता नहीं रहेगा।

loksabha election banner

सीतारमण ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर की हालत का असर दूसरे क्षेत्रों, खासतौर पर बुनियादी उद्योगों पर पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘सरकार इस क्षेत्र को लेकर काफी गंभीर है और आरबीआइ के साथ मिलकर काम कर रही है। हम यह देख रहे हैं कि जहां जरूरी है, वहां हम कैसे नियमों में बदलाव करके उन लोगों की मदद कर सकते हैं, जो रियल्टी सेक्टर की दिक्कतों से प्रभावित हैं।’

जुलाई में बजट पेश होने के बाद सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसमें कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 22 प्रतिशत किया जाना शामिल है। इसके जरिए कंपनियों को लगभग 1.3 लाख करोड़ रुपये के बराबर की टैक्स राहत दी गई थी। उन्होंने स्वीकार किया कि देश में उपभोक्ता मांग बढ़ाने के लिए अगस्त से अब तक घोषित विभिन्न प्रोत्साहन उपायों से रियल एस्टेट सेक्टर को पटरी पर लाने में मदद नहीं मिली है।

नीतिगत समर्थन चाहते हैं निवेशक

वित्त मंत्री ने कहा कि अब भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। एक क्षेत्र, जिसे मैंने छुआ नहीं, लेकिन इसका सकारात्मक असर होता है और शेयर बाजार पर भी इसका असर प़़ड सकता है, वह है रियल्टी सेक्टर। सीतारमण ने कहा कि कई निवेश फंड हमसे संपर्क करके कह चुके हैं कि वे इस क्षेत्र में निवेश को तैयार है, लेकिन वे कुछ नीतिगत समर्थन चाहते हैं। सीतारमण ने कहा, ‘कई वैकल्पिक फंड हैं, जो हमसे समर्थन की बात कर रहे हैं।’

कालाधन का इस्तेमाल घटा

ऐसा माना जाता है कि रियल्टी सेक्टर में कालेधन के इस्तेमाल से तेजी थी। लेकिन, नवंबर 2016 में नोटबंदी, मई 2017 में रेरा जैसे कानून लागू होने और जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने से रियल्टी सेक्टर पर शुरआत में नकारात्मक असर हुआ और यह क्षेत्र अबतक तीन झटकों से उबर नहीं पाया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.