नोटबंदी से रियल एस्टेट में 20 फीसद घटा काला धन
नीति आयोग का मानना है कि नोटबंदी के बाद रियल एस्टेट में काला धन काफी कम हुआ है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। नोटबंदी के फैसले को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं का सामना कर रहे सरकार के शीर्ष थिंक टैंक नीति आयोग का कहना है कि इस कदम से रियल एस्टेट क्षेत्र में रखे काले धन में 20 फीसद तक की कमी आई है। आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगड़िया ने शुक्रवार को कहा कि नोटबंदी का निर्णय काले धन पर अंकुश लगाने के लिए किया गया था। इस दिशा में सरकार को काफी हद तक सफलता मिली है।
आयोग की अब तक की उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए पानगड़िया ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला काला धन कम करने के लिए किया गया था। इस निर्णय के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र में 20 से 25 फीसद कीमतें गिरी हैं। इस तरह रियल एस्टेट क्षेत्र में जो काला धन लगा हुआ था, उसमें तकरीबन 20 प्रतिशत कमी आई है। हालांकि पानगड़िया ने यह स्वीकार किया कि पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में विकास दर पर इस फैसले का कुछ असर पड़ा हो। वैसे, उन्होंने साफ किया कि विकास दर सुस्त पड़ने की और भी कई वजहें हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षो में देश आठ प्रतिशत की विकास दर के साथ बढ़ेगा।
पानगड़िया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही से अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार आना शुरू हो गया है। विपक्ष के जॉबलेस ग्रोथ संबंधी आरोप पर उन्होंने कहा कि फिलहाल देश में रोजगार और नौकरियों के संबंध में श्रम सर्वेक्षण सर्वे के माध्यम से जो आंकड़े आते हैं, वे नाकाफी हैं। उन पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता। मौजूदा सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था के सिर्फ आठ क्षेत्रों को कवर करते हैं। इनमें देश के 47 करोड़ श्रमिकों में से मात्र तीन करोड़ श्रमबल ही कवर होता है। ये आंकड़े भी सिर्फ 11 राज्यों से ही जुटाए जाते हैं।
पानगड़िया के मुताबिक सरकार ने रोजगार के आंकड़े जुटाने के लिए देशभर में पारिवारिक सर्वे कराने की दिशा में कदम उठाया है। इस संबंध में नीति आयोग ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगा। इसके अलावा नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) ने भी रोजगार के ताजा आंकड़े जुटाने की कोशिश शुरू कर दी है। आने वाले समय में देश को रोजगार के ताजे आंकड़े उपलब्ध होंगे।
मोदी को गरीबी उन्मूलन पर सौंपी रिपोर्ट: पानगड़िया ने यह भी बताया कि गरीबी उन्मूलन के संबंध विचार करने के लिए गठित टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंप दी है। नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल की आठ फरवरी, 2015 को हुई पहली बैठक के निर्णय के आधार पर इस टास्क फोर्स का गठन किया गया था।