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ब्लैक मनी के खिलाफ लड़ाई में सरकार को मिली बड़ी जीत, भारतीयों के स्विस बैंक खातों की दूसरी लिस्ट मिली

भारतीय नागरिकों एवं इकाइयों के स्विस बैंक खातों की दूसरी लिस्ट भारत को मिल गई है। स्विटजरलैंड के साथ हुए समझौते के तहत भारत को ये विवरण मिले हैं। कालेधन के खिलाफ सरकार की लड़ाई में इसे अहम उपलब्धि के तौर पर देखा जा सकता है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 06:10 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 05:18 PM (IST)
ब्लैक मनी के खिलाफ लड़ाई में सरकार को मिली बड़ी जीत, भारतीयों के स्विस बैंक खातों की दूसरी लिस्ट मिली
भारत को AEOI के तहत सितंबर, 2019 में पहली बार स्विस खातों से जुड़े विवरण हासिल हुए थे। (PC: Pexels)

नई दिल्ली/ बर्न, पीटीआइ। भारतीय नागरिकों एवं इकाइयों के स्विस बैंक खातों की दूसरी लिस्ट भारत को मिल गई है। स्विटजरलैंड के साथ जानकारी के ऑटोमैटिक एक्सचेंज को लेकर हुए समझौते के तहत भारत को ये विवरण मिले हैं। कालेधन के खिलाफ सरकार की लड़ाई में इसे अहम उपलब्धि के तौर पर देखा जा सकता है। स्विटजरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (FTA) ने इस साल AEOI (ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन) फ्रेमवर्क के तहत भारत सहित 86 देशों को वित्तीय खातों से जुड़े विवरण साझा किए हैं। भारत को AEOI के तहत सितंबर, 2019 में पहली बार स्विस खातों से जुड़े विवरण हासिल हुए थे। उस समय स्विस FTA ने 75 देशों के साथ ये विवरण शेयर किए थे। 

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FTA की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि इन्फॉर्मेशन एक्सचेंज के तहत इस साल 31 लाख वित्तीय खातों की जानकारी दी गई है। पिछले साल लगभग इतने ही खातों की जानकारी FTA की ओर से दी गई थी।

FTA की ओर से जारी बयान में स्पष्ट तौर पर भारत का नाम नहीं लिया गया है लेकिन अधिकारियों ने 'पीटीआइ' को बताया कि भारत उन प्रमुख देशों में शामिल है, जिनके साथ स्विटजरलैंड ने स्विस बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां साझा की है।  

अधिकारियों ने कहा है कि इस साल स्विटजरलैंड द्वारा 86 देशों को उपलब्ध करायी गई 30 लाख से अधिक वित्तीय खातों में भारतीय नागरिक एवं इकाइयों की संख्या काफी अच्छी-खासी है। 

अधिकारियों के मुताबिक स्विटजरलैंड के अधिकारी पिछले एक साल में 100 से अधिक भारतीय नागरिकों एवं इकाइयों की जानकारी आग्रह के आधार पर दे चुके हैं। स्विस अधिकारियों ने वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी जांच के सिलसिले में भारतीय अधिकारियों की ओर से प्रशासनिक सहयोग के आग्रह के आधार पर ये जानकारियां दी हैं।

इनमें से अधिकतर मामले पुराने खातों एवं 2018 से पहले बंद हो चुके अकाउंट्स से जुड़े थे। AEOI केवल सक्रिय या 2018 में बंद कराये गए खातों के मामलों में प्रभावी है।


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