प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत लाभार्थियों की संख्या हुई कम, ये है बड़ी वजह
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि इस लिस्ट में शुरू में 2.95 करोड़ परिवार शामिल थे लेकिन जब मंजूरी के समय कई स्तरों पर सत्यापन किया गया तो बहुत सारे घरों की पात्रता साबित नहीं हो पाई।
नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत अब तक 2.14 करोड़ लाभार्थी पात्र पाए गए हैं और आगे यह संख्या कम होने की संभावना है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि, इस लिस्ट में शुरू में 2.95 करोड़ परिवार शामिल थे, लेकिन जब मंजूरी के समय कई स्तरों पर सत्यापन किया गया तो बहुत सारे घरों की पात्रता साबित नहीं हो पाई।
मंत्रालय का कहना है कि इस लिस्ट को 2.14 करोड़ तक सीमित करने का यही कारण है। आगे यह संख्या और कम हो सकती है। पात्र लाभार्थियों की संख्या 2.95 करोड़ से घटकर 2.14 करोड़ होने के कारण, उन सभी परिवारों की पहचान के लिए फील्ड अधिकारियों की मदद से 'आवास प्लस' नाम का एक सर्वेक्षण किया गया था जिन्हें पात्र होने के बावजूद योजना की स्थायी प्रतीक्षा सूची से बाहर रखा गया था। इस सर्वेक्षण में सभी राज्य, और केंद्रशासित क्षेत्र शामिल थे।
बयान में कहा गया कि वित्त मंत्रालय ने जुलाई, 2020 में ग्रामीण विकास मंत्रालय को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 2.95 करोड़ घरों के अतिरिक्त पात्र परिवारों को योजना में शामिल करने के प्रस्ताव के लिए सहमति दी थी।
इसमें कहा गया कि की अंतिम ‘आवास प्लस’ लिस्ट के अतिरिक्त पात्र परिवारों को योजना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को सहमति दी गई थी। बयान के मुताबिक, पात्रता के लिए सर्वेक्षण के नतीजे की समीक्षा की जा रही है और इसके बाद इनका क्रियान्वयन किया जाएगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत अपने पिछले कार्यकाल 20 नवंबर, 2016 में की थी।इस योजना के तहत सरकार बिजली की आपूर्ति और स्वच्छता जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं की विशेषता वाले पक्के घरों के निर्माण के लिए धन की सहायता देती है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2022 तक ज्यादा से ज्यादा परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।