बुनियादी उद्योगों में दशक का सबसे खराब प्रदर्शन
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अर्थव्यवस्था में सुधार के सरकारी दावों के बावजूद प्रदर्शन में सुधार के संकेत नहीं दिख रहे हैं। फरवरी में आठ बुनियादी उद्योगों उत्पादन में तेज गिरावट ने भविष्य में औद्योगिक उत्पादन में सुधार पर सवालिया निशान लगा दिया है। फरवरी में इन प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में ढाई प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है। यह पिछले एक दशक का सब
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अर्थव्यवस्था में सुधार के सरकारी दावों के बावजूद प्रदर्शन में सुधार के संकेत नहीं दिख रहे हैं। फरवरी में आठ बुनियादी उद्योगों उत्पादन में तेज गिरावट ने भविष्य में औद्योगिक उत्पादन में सुधार पर सवालिया निशान लगा दिया है। फरवरी में इन प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में ढाई प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है। यह पिछले एक दशक का सबसे खराब प्रदर्शन है। बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में जनवरी के दौरान 3.1 और दिसंबर, 2012 में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
फरवरी में बुनियादी उद्योगों के प्रदर्शन में गिरावट की प्रमुख वजह प्राकृतिक गैस का उत्पादन बना। इस महीने गैस के उत्पादन में 20 प्रतिशत की गिरावट आई। वित्त वर्ष 2012-13 में ऐसा पहली बार हुआ है, जब प्राकृतिक गैस के उत्पादन में कमी आई है। गैस के अलावा कोयले के उत्पादन में आठ प्रतिशत, बिजली में 4.1 प्रतिशत और कच्चे तेल के उत्पादन में चार प्रतिशत की गिरावट आई है। साल 2012 के फरवरी महीने में प्रमुख उद्योगों के उत्पादन की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही थी। आठ बुनियादी उद्योगों में कच्चा तेल, पेट्रोलियम रिफाइनरी, प्राकृतिक गैस, बिजली, कोयला, सीमेंट, उर्वरक और स्टील क्षेत्र आते हैं।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में गिरावट ने बीते वित्त वर्ष के ग्यारह महीने के प्रदर्शन पर भी असर डाला है। इस अवधि में प्रमुख उद्योगों की कुल वृद्धि दर 2.6 प्रतिशत रही। इसके पिछले साल इसी अवधि में बुनियादी उद्योगों के उत्पादन की रफ्तार 5.2 प्रतिशत रही थी।
फरवरी में उर्वरकों के उत्पादन में भी चार प्रतिशत की कमी आई है, लेकिन सीमेंट का उत्पादन 3.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्टील का उत्पादन सिर्फ आधा प्रतिशत बढ़ा है। इस दौरान रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में भी 4.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।