Move to Jagran APP

ई-पेमेंट का पाठ सिखाने के लिए गांव और मंडियां गोद लेंगे बैंक

देश भर की मंडियों और गांवों के समूह को गोद लेकर बैंकों को वहां ई-पेमेंट की पाठशाला चलानी होगी

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 15 Dec 2016 11:47 AM (IST)Updated: Thu, 15 Dec 2016 11:51 AM (IST)
ई-पेमेंट का पाठ सिखाने के लिए गांव और मंडियां गोद लेंगे बैंक

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन का पाठ पढ़ाने में अब बैंक भी आगे आएंगे। देश भर की मंडियों और गांवों के समूह को गोद लेकर बैंकों को वहां ई-पेमेंट की पाठशाला चलानी होगी। सरकार ने प्रत्येक बैंक से मंडियों और गांवों के समूह को गोद लेकर ऐसा करने को कहा है।

loksabha election banner

नोटबंदी के बाद मंडियों में किसानों और आढ़तियों के बीच होने वाले सौदों में नकदी की काफी दिक्कत सामने आ रही है। इसके चलते न सिर्फ मंडियों में कारोबार सीमित हो गया है बल्कि किसानों को फल सब्जियां बेचने में भी काफी दिक्कत आ रही है। इसी तरह नकदी की कमी के चलते गांवों में भी परेशानी बढ़ने की खबरें आ रही हैं। इसे देखते हुए सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ई-पेमेंट अथवा डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहन देने को अहम मान रही है।

इन सभी मसलों का समाधान तलाशने के लिए मंगलवार को सभी प्रमुख बैंकों के साथ इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक बैठक की। बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआइ) के प्रतिनिधियों ने मुंबई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भागीदारी की। बैठक में बैंकिंग क्षेत्र से करीब पचास प्रतिनिधि शामिल हुए।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने बैंकों से डिजिटल पेमेंट की पाठशालाएं चलाने को कहा ताकि ग्रामीण इलाकों में लोगों को शिक्षित किया जा सके। बैठक में सभी बैंकों से गांवों को अपना कर उन्हें कैशलेस ट्रांजैक्शन के अनुकूल बनाने के उपाय करने को कहा है। सूत्र बताते हैं कि प्रसाद ने प्रत्येक बैंक से गांवों के एक समूह को गोद लेकर वहां कैशलेस ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहित करने के लिए कहा है। बैंकों से कहा गया है कि वे इन गांवों में लोगों को डिजिटल ट्रांजैक्शन का पाठ पढ़ाएं ताकि वे कैशलेस समाज का अंग बन सकें। बैंकों से दलित और आदिवासी आबादी वाले गांवों पर खास जोर देने को कहा जा रहा है।

गांवों के साथ-साथ बैंकों से मंडियों को भी गोद लेने को कहा गया है। मंडियों में किसानों और कारोबार करने वाले आढ़तियों दोनों को ई-पेमेंट के फायदे बताकर उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करने को कहा गया है। मंत्रलय का मानना है कि रिजर्व बैंक को इस दिशा में अछा काम करने वाले बैंकों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

सभी बैंकों से एक हेल्पलाइन उपलब्ध कराने को भी कहा गया है ताकि दिक्कत होने पर ग्राहकों की बैंक तक सीधी पहुंच रहे। बैठक में बैंकों को ई-पेमेंट को बढ़ावा देने लिए कैंपों का आयोजन करने को भी कहा गया है। सरकार मान रही है कि यदि बैंक की एक शाखा दस कारोबारियों को भी कैशलेस ट्रांजैक्शन के दायरे में शामिल कर लेगी तो देश भर में ऐसे कारोबारियों की संख्या बीस लाख हो जाएगी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.