बैंकों ने पिछले 6 वर्षों में मुद्रा योजना के तहत 15 लाख करोड़ रुपये का दिया लोन
बयान में कहा गया कि 2020-21 में 4.20 करोड़ पीएमएमवाई कर्ज मंजूर किए गए और 19 मार्च 2021 तक 2020-21 के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। कर्ज का औसत आकार लगभग 52000 रुपये है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत पिछले छह वर्षों में 28.68 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 14.96 लाख करोड़ रुपये दिए हैं। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रधान मंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से उपेक्षित वर्गों को वित्तीय सहायता देना है है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नए उद्यमियों से लेकर कड़ी मेहनत करने वाले किसानों तक सभी के वित्तीय जरूरतों को पूरा किया गया है। इसके लिए एक महत्वपूर्ण पहल प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) है, जिसने सपनों को साकार करने का काम किया है।
बयान में कहा गया कि 2020-21 में 4.20 करोड़ पीएमएमवाई कर्ज मंजूर किए गए और 19 मार्च 2021 तक 2020-21 के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। कर्ज का औसत आकार लगभग 52,000 रुपये है।
पीएमएमवाई के तहत 10 लाख रुपए तक के जमानतदार कर्ज मुक्त कर्जदाता सदस्य बैंकों (क्षेत्रीय विधायक), वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), लघु वित्त बैंकों (एसएफबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), माइक्रो फाइनेंस द्वारा बढ़ाए जाते हैं।
ये लोन विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में आय पैदा करने वाली गतिविधियों और कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिए दिए जाते हैं। इस योजना को छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया था और बैंकों से कहा गया था कि वे तीन श्रेणियों - शिशु (50,000 रु तक), किशोर (50,000 रु से 5 लाख रु तक) और तरुण 10 लाख रुपये तक कोलेटरल फ्री लोन दे सकते हैं।