बैंकर्स करेंगे मुलाकात, डिफॉल्टर्स पर कार्रवाई को लेकर बनेगी आम सहमति
बैंकर्स डिफॉल्टर्स पर कार्रवाई के लिए अहम बैठक करने वाले हैं
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से दिवालियापन की कार्रवाई का सामना करने के लिए सबसे बड़े डिफॉल्टरों का नाम देने के बाद एनसीएलटी के तत्काल रेफरल के लिए बैंकर्स सोमवार को अहम मीटिंग करने जा रहे हैं। आरबीआई के मुताबिक, इन 12 खातों पर सिस्टम की 2.5 ट्रिलियन रुपए की देनदारी है, जो कि कुल बैड लोन का 25 फीसद हिस्सा है।
12 डिफॉल्टर्स में पहले छह प्रमुख खाताधारकों में से भूषण स्टील (44,478 करोड़ रुपए), एस्सार स्टील (37,284 करोड़ रुपए), भूषण पॉवर एंड स्टील (37,284 करोड़ रुपए), आलोक इंडस्ट्री (22,075 करोड़), एमटैक ऑटो (14,074 करोड़) और मोनैट इस्पात (12,115 करोड़ रुपए) हैं। यह जानकारी एक बैंकर ने दी है। बैंकरों के अनुसार दिवालिएपन की कार्रवाई के लिए नामित अन्य खातों में लांको इन्फ्रा (44,364.6 करोड़), इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स (10,273.6 करोड़), इरा इन्फ्रा (10,065.4 करोड़), जेपी इन्फ्राटेक (9,635 करोड़), एबीजी शिपयार्ड (6,953 करोड़) और ज्योति स्ट्रक्चर्स (5,165 करोड़) हैं।
पिछले हफ्ते आरबीआई की इंटर्नल एडवाइजरी कमिटी (आईएसी) ने बैंकर्स को दिवालिएपन और दिवालिएपन संहिता (आईबीसी) के तहत तत्काल संदर्भ के लिए 12 खातों की सूची सौंपी थी। बैंकर्स के मुताबिक ये 12 खाते एसबीआई (इनमें से 6), पीएनबी, आईसीआईसीआई बैंक, यूनियन बैंक, आईडीबीआई बैंक और कारपोरेशन बैंक हैं।
एक बैंकर्स ने बताया, “इस महीने के आखिर तक नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के समक्ष इन खातों का जिक्र करने से पहले सोमवार को बैंक आरबीआई की ओर से नामित 12 खातों में से छह पर चर्चा करने के लिए मिल रहे हैं।”