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नोएडा की मीडिया कंपनी की 112 करोड़ की संपत्ति ईडी ने की जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऋण फर्जीवाड़े में नोएडा स्थित एक मीडिया कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की है। ईडी ने मनी लांड्रिंग की जांच के सिलसिले में मेसर्स सेंचुरी कम्युनिकेशन लिमिटेड (सीसीएल) की 112 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 30 Mar 2016 06:51 PM (IST)Updated: Wed, 30 Mar 2016 07:00 PM (IST)
नोएडा की मीडिया कंपनी की 112 करोड़ की संपत्ति ईडी ने की जब्त

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऋण फर्जीवाड़े में नोएडा स्थित एक मीडिया कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की है। ईडी ने मनी लांड्रिंग की जांच के सिलसिले में मेसर्स सेंचुरी कम्युनिकेशन लिमिटेड (सीसीएल) की 112 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया है।

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ईडी कंपनी के खिलाफ 2012 में सीबीआइ की एफआइआर पर मामले की जांच कर रहा है। सीसीएल पर इंडियन ओवरसीज बैंक की चेन्नई शाखा से ऋण लेने में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के आपराधिक प्रावधानों के तहत कंपनी के मुख्य प्रोमोटर पीके तिवारी व उनके परिजनों की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया गया है।

इनमें नोएडा के सेक्टर-16ए के फिल्म सिटी इलाके में 52 करोड़ रुपये का प्लॉट, मुंबई के बिजनेस पार्क में कई फ्लैट, मुंबई के खार में दो फ्लैट, तमिलनाडु में कुछ जमीन व दक्षिण दिल्ली के महारानी बाग इलाके में एक बड़ी संपत्ति शामिल हैं। सीसीएल ने 2008 में देश का पहला भोजपुरी न्यूज चैनल शुरू किया था।

ईडी के मुताबिक, सीसीएल को इंडियन ओवरसीज बैंक के नेतृत्व वाले 10 बैंकों के कंसोर्टियम से 19 जनवरी 2004 से 27 मई 2009 की अवधि के दौरान चार ऋण दिए गए। ऋण की कुल राशि 555.52 करोड़ रुपये थी। ये ऋण नोएडा, मुंबई व चेन्नई में नए स्टूडियो बनाने के लिए दिए गए। ऋण पाने के लिए बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से जाली कागजात सौंपे गए। आरोप है कि तिवारी और उनके बेटों ने कई फर्जी कंपनियां बनाईं।

उन्होंने सीसीएल को मिला कर्ज इन कंपनियों के बैंक खाते में भेज दिया। इसके बाद इस पैसे को तिवारी व उनके परिजनों के निजी खाते में भेज दिया गया। इससे उन्होंने अपने नाम से अचल संपत्तियां खरीदीं। कुछ राशि विदेश भी भेजे गए। सीबीआइ के आरोपपत्र के मुताबिक, इससे इंडियन ओवरसीज बैंक को 163.19 करोड़ रुपये व कंसोर्टियम के अन्य बैंकों को 301.65 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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