एसोचैम ने मोदी सरकार को दिए 10 में सात अंक
उद्योग चैंबर एसोचैम ने मोदी सरकार के पहले साल के कामकाज को 10 में से सात अंक दिए हैं। फिलहाल उसने कहा है कि टैक्स के मसलों को हल करने और कारोबार करने को आसान बनाने की दिशा में अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
नई दिल्ली। उद्योग चैंबर एसोचैम ने मोदी सरकार के पहले साल के कामकाज को 10 में से सात अंक दिए हैं। फिलहाल उसने कहा है कि टैक्स के मसलों को हल करने और कारोबार करने को आसान बनाने की दिशा में अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
एसोचैम ने कहा कि पिछले एक साल में देश की व्यापक आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। महंगाई दर घटी है। मुद्रा में स्थिरता आई है और वित्तीय बाजार आकर्षक हुए हैं। उद्योग और टिप्पणीकारों को यह समझना होगा कि दुनिया के साथ पूरी तरह एकीकृत 20 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को मात्र सरकार के बदल जाने से ऊंचे आर्थिक विकास के पथ पर नहीं ले जाया जा सकता है। वैसे, सरकार ने अच्छी शुरुआत की है। फिर भी उसे वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) जैसी बातों पर तेजी से आगे बढ़कर विश्वास के नए संकेत देने होंगे। पहला साल पूरा करने पर मोदी सरकार के लिए 10 में से सात अंक सही होंगे। एसोचैम के प्रेसीडेंट राणा कपूर ने कहा कि निवेशकों का भरोसा बहाल हुआ है। काफी कुछ अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी निर्भर है। देश में कारोबार करना आसान बनाने के लिए अभी भी बहुत कुछ करना होगा।
मजबूत पक्ष-
-सरकार ने संसद को बेहतर तरीके से चलाया। बीमा और रक्षा क्षेत्र में कठिन विधेयक पारित करवाए।
-कोयला ब्लॉक और स्पेक्ट्रम की सफल नीलामी की। इससे पारदर्शिता और निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
-प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं से आर्थिक कूटनीति में गुणात्मक बदलाव आए।
-मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटीज और स्वच्छ भारत जैसे कार्यक्रमों को मिली बेहतरीन प्रतिक्रिया।
कमजोर पक्ष-
-कारोबार करने को आसान बनाने की दिशा में नहीं हुआ अपेक्षित काम।
-टैक्स के मसले हल नहीं कर पाई है सरकार।
क्या हैं चुनौतियां
-जन धन योजना के तहत खोले गए खातों को सक्रिय रखना।
-फरवरी-मार्च में बेमौसम बरसात से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई।
-सामान्य से कम मानसून की आशंका से कृषि संकट का खतरा।