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PM की आर्थिक सलाहकार परिषद सदस्य ने कहा, राहत पैकेज पूर्ण नहीं, इसमें है सुधार की गुंजाइश

Ashima Goyal ने कहा कि राहत पैकेज का अधिकतर हिस्सा वित्तीय क्षेत्र से जुड़ा है जबकि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए मांग और आपूर्ति में तालमेल लाने की जरूरत है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 05:58 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 07:26 AM (IST)
PM की आर्थिक सलाहकार परिषद सदस्य ने कहा, राहत पैकेज पूर्ण नहीं, इसमें है सुधार की गुंजाइश
PM की आर्थिक सलाहकार परिषद सदस्य ने कहा, राहत पैकेज पूर्ण नहीं, इसमें है सुधार की गुंजाइश

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के लिए जारी 20.97 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज पूर्ण नहीं है और इसमें सुधार की गुंजाइश है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य आशिमा गोयल ने शनिवार को यह बात कही है। आशिमा ने कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए मांग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है और साथ ही मांग व आपूर्ती में तालमेल लाने की जरूरत है।

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पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की एक आभासी संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, 'सरकार द्वारा जारी आर्थिक पैकेज अपने आप में पूर्ण नहीं है। इस राहत पैकेज में कमियां दूर कर बेहतर बनाए जाने की गुंजाइश है।' प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की सदस्य गोयल ने कहा कि राहत पैकेज का अधिकतर हिस्सा वित्तीय क्षेत्र से जुड़ा है, जबकि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए मांग और आपूर्ति में तालमेल लाना बहुत जरूरी है।

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सरकार ने पिछले महीने 20.97 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज को जारी किया था। इस पैकेज में भारतीय रिज़र्व बैंक के 8.01 लाख करोड़ रुपये के लिक्विडिटी को बढ़ाने के उपाय भी शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पैकेज को पांच किस्तों में जारी किया था। इस पैकेज में 3.70 लाख करोड़ के एमएसएमई को मदद के उपाय, एनबीएफसी के लिए 75,000 करोड़, विधुत वितरण कंपनीज के लिए 90,000 करोड़, प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज, मनरेगा के लिए आवंटन में वृद्धि, कई सेक्शंस में टैक्स राहत और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 15,000 करोड़ की घोषणाएं शामिल थीं।

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भारत की ग्रोथ की वापसी पर गोयल ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अस्थायी झटका है। गोयल ने कहा, 'जब मानव पूंजी बरकरार रहती है, तो झटके के बाद तेजी से सुधार देखने को मिलता है।' भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2019-20 में 4.2 फीसद की दर से बढ़ी है, जो पिछले 11 वर्षों में सबसे धीमी ग्रोथ है। वहीं, देश के विदेशी मुद्रा भंडार के 500 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करने पर गोयल ने कहा, 'हमारा विदेशी मुद्रा भंडार उधार का भंडार हैं। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका निवेश को आकर्षित करना है।'


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