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GST Composition Scheme: शुरू हुए आवेदन, 31 मार्च है आखिरी तारीख

GST composition scheme पहले से जीएसटी टैक्सपेयर्स के रूप में रजिस्टर्ड कारोबारियों को कंपोजिशन स्कीम से जुड़ने के लिए जीएसटी पोर्टल के फॉर्म सीएमपी-02 में सूचना देनी होगी।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 08:25 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 09:38 AM (IST)
GST Composition Scheme: शुरू हुए आवेदन, 31 मार्च है आखिरी तारीख
GST Composition Scheme: शुरू हुए आवेदन, 31 मार्च है आखिरी तारीख

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आगामी वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी कंपोजिशन स्कीम से जुड़ने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। मौजूदा रजिस्टर्ड करदाताओं को इसके लिए 31 मार्च 2020 से पहले जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह स्कीम विशेष रूप से छोटे कारोबारियों के लिए है। इसमें छोटे व्यापारियों को अपना हिसाब-किताब रखने, रिटर्न फाइल करने और कर जमा करने के मामले में कई रियायतें दी गई हैं।

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कंपोजिशन स्कीम के तहत कारोबारियों को एक फिक्स रेट, एकमुश्त टैक्स पेमेंट और साल में सिर्फ एक बार रिटर्न जमा करने की विशेष सहूलियत है। इस स्कीम में वे करदाता जुड़ सकते हैं जिनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए तक का है। उत्तर-पूर्व के सात राज्यों और उत्तराखंड के लिए यह सीमा रु. 75 लाख है।

पहले से जीएसटी टैक्सपेयर्स के रूप में रजिस्टर्ड कारोबारियों को कंपोजिशन स्कीम से जुड़ने के लिए जीएसटी पोर्टल के फॉर्म सीएमपी-02 में सूचना देनी होगी। इसके लिए अंतिम तारीख 31 मार्च है। जो व्यवसायी पहली बार जीएसटी रजिस्ट्रेशन ले रहे हैं, वे रजिस्ट्रेशन के वक्त ही पोर्टल पर फॉर्म सीएमपी-01 में सूचना देकर इस स्कीम से जुड़ सकते हैं।

एक बार इस स्कीम से जुड़ने के बाद अगले वित्त वर्ष में दोबारा सूचना देने की जरूरत नहीं है। यही नहीं, टैक्सपेयर किसी भी समय इस स्कीम से बाहर भी निकल सकते हैं। जीएसटीएन के आंकड़ों के मुताबिक, 16,82,000 से ज्यादा टैक्सपेयर कंपोजिशन स्कीम से जुड़े हैं।

दूसरी तरफ शुक्रवार को जीएसटी के राज्य एवं केंद्रीय आयुक्तों के राष्ट्रीय सम्मेलन में नए टैक्सपेयर्स को तत्काल रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट देने पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा गया। वहीं निर्यात के तहत इनपुट क्रेडिट के नाम लिए जाने वाले लाभ की भी सख्ती से गणना करने का प्रस्ताव रखा गया।

वित्त सचिव अजय भूषण पांडे की अध्यक्षता में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी सम्मेलन में मौजूद थी। सम्मेलन में टैक्सपेयर्स को सहूलियत देने के लिए जीएसटी पोर्टल की भी समीक्षा की गई।


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