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निर्यातकों ने सराही वित्त मंत्री की घोषणाएं, सुलझेंगी करदाताओं की समस्याएं

ट्रेड प्रमोशन कौंसिल ऑफ इंडिया (TPCI) के अध्यक्ष मोहित सिंगला ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं से बड़े कठिन दौर से गुजर रहे उद्योगों को राहत की सांस मिलेगी।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 24 Mar 2020 09:19 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 10:34 AM (IST)
निर्यातकों ने सराही वित्त मंत्री की घोषणाएं, सुलझेंगी करदाताओं की समस्याएं
निर्यातकों ने सराही वित्त मंत्री की घोषणाएं, सुलझेंगी करदाताओं की समस्याएं

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के निर्यातकों ने मंगलवार को कहा है कि सरकार द्वारा की गई घोषणाओं से करदाताओं की कामकाजी समस्याएं सुलझ जाएंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड और डायरेक्ट व इनडायरेक्ट टैक्स को लेकर कई राहतभरी घोषणाएं की हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के प्रेसिडेंट शरद कुमार सराफ ने कहा कि ये घोषणाएं करदाताओं की ऑपरेशनल प्रॉब्लम्स को सुलझाएंगीं। टैक्स डिसपुट सेटलमेंट स्कीम की समयसीमा को 30 जून तक आगे बढ़ाने के बारे में  उन्होंने कहा कि देश भर में लोकडॉउन की स्थिति के चलते बड़ी चुनौतियां सामने आ रही थीं, लेकिन अब करदाताओं को अधिक समय मिल पाएगा।

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उन्होंने वाणिज्य मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं में समय सीमा को बढ़ाने की माग की थी, जिससे कि निर्यातकों व आयातकों को समस्याओं का सामना ना करना पड़े। साथ ही उन्होंने मांग में कमी को देखते हुए निर्यात दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि टाइट डिलिवरी शेड्यूल, लॉकडाउन और  न्यूनतम वर्कफोर्स के चलते निर्यात को भी आवश्यक सेवाओं में शामिल किया जाना चाहिए।

वहीं, ट्रेड प्रमोशन कौंसिल ऑफ इंडिया  (TPCI) के अध्यक्ष मोहित सिंगला ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं से बड़े कठिन दौर से गुजर रहे उद्योगों को राहत की सांस मिलेगी।

वित्त मंत्री ने मंगलवार को इनकम टैक्स एवं जीएसटी के अनुपालन से जुड़े मुद्दों पर कई तरह की राहत का ऐलान किया है। उन्होंने पांच करोड़ रुपये से कम के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए मार्च, अप्रैल और मई का GST रिटर्न और कंपोजिशन रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को बढ़ाकर 30 अप्रैल, 2020 करने का फैसला किया है। साथ ही विवाद से विश्वास स्कीम की समयसीमा को भी बढ़ाकर सरकार ने 30 जून, 2020 करने का फैसला किया है।

इसके अलावा 'सबका विश्वास' स्कीम से जुड़े विवादों को निपटाने की समयसीमा बढ़ाकर 30 जून, 2020 किया गया। यह सीमा पहले 31 मार्च, 2020 तक थी। साथ ही वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि एक करोड़ रुपये के डिफॉल्ट की स्थिति में ही कंपनी को दिवाला प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।


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