अनिल अंबानी की आरकॉम पर दिवाला कार्यवाही शुरू, 30 मई को होगी अगली सुनवाई
आरकॉम जिस पर बैंकों का 50000 करोड़ रुपये का कर्जा बकाया है वो आधिकारिक तौर पर अनिल अंबानी ग्रुप की दिवालिया होने वाली कंपनी बन गई है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) की दिवाला प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही एनसीएलटी ने मुकदमेबाजी के 357 दिनों को कंपनी की दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया की अवधि से बाहर रखने को भी मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही आरकॉम, जिस पर बैंकों का 50,000 करोड़ रुपये का कर्जा बकाया है वो आधिकारिक तौर पर अनिल अंबानी ग्रुप की दिवालिया होने वाली कंपनी बन गई है।
एनसीएलटी ने गुरुवार को कंपनी के निदेशक मंडल को भंग कर दिया और उसके संचालन के लिए नए निपटान पेशेवर (रेजोल्यूशन प्रोफेशनल) की नियुक्ति की है। इसके साथ ही उसने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एबसीआई) की अगुवाई वाले 31 बैंकों के गठजोड़ को ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) बनाने की अनुमति दे दी। हालांकि पिछली सुनवाई के दौरान आरकॉम ने मौजूदा निपटान पेशेवर के जरिए 30 मई, 2018 से 30 अप्रैल, 2019 की अवधि यानी 357 दिन की अवधि की दिवाला प्रक्रिया में छूट मांगी है। उसने हवाला दिया कि इस दौरान अपीलीय न्यायाधिकरण और उच्चतम न्यायालय से उसे प्रक्रिया पर स्थगन मिला हुआ था।
निपटान पेशेवर ने 30 मई 2018 से 30 अप्रैल 2019 तक छूट की मांग की थी क्योंकि नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) की ओर से प्रारंभिक दिवाला कार्यवाही को रोक दिया गया था और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। वीपी सिंह और आर दुरईसामी की पीठ ने कहा कि इस मामले को कानून और दिशानिर्देशों के अनुरूप आगे बढ़ाया जाना चाहिए। न्यायाधिकरण ने रिलायंस इन्फ्राटेल और रिलायंस टेलीकॉम तथा आरकॉम को उपरोक्त अवधि की छूट दे दी है।
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