आनंद राठी और जिओफिन कोमट्रेड कमोडिटी ब्रोकर बनने योग्य नहीं: SEBI
बता दें कि सेबी का यह फैसला 2013 में सामने आए एनएसईएल के भुगतान घोटाले के संबंध में आया है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि आनंद राठी कमोडिटीज और जिओफिन कोमट्रेड 5,600 करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में कार्रवाई करने के लिए "फिट और उपयुक्त" नहीं हैं।
दो अलग-अलग आदेशों को पारित करते हुए सेबी ने कमोडिटी डेरिवेटिव ब्रोकरों के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए आनंद राठी कमोडिटीज (एआरसीएल) और जियोफिन कॉमट्रेड के आवेदनों को खारिज कर दिया है।
25 फरवरी को दिए गए दो आदेशों के अनुसार, एआरसीएल और जियोफिन कॉमरेड दोनों को कमोडिटी डेरिवेटिव ब्रोकरों के रूप में "प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कार्य करना बंद करने" के लिए निर्देशित किया गया।
गौरतलब है कि सेबी ने 22 फरवरी को जारी दो अलग-अलग आदेशों में कहा कि मोतीलाल ओसवाल कमोडिटीज और इंडिया इन्फोलाइन कमोडिटीज को कमोडिटी डेरिवेटिव ब्रोकर के तौर पर काम करने के लिए पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
बता दें कि सेबी का यह फैसला 2013 में सामने आए एनएसईएल के भुगतान घोटाले के संबंध में आया है। उस समय घोटाला खुलने के बाद कई ब्रोकर समेत अनेक कंपनियों की सेबी और अन्य जांच एजेंसियों ने छानबीन शुरू की थी।