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Amazon, Flipkart को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपील की खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को Amazon.com Inc और Walmart के स्वामित्व वाली Flipkart के बिजनेस प्रैक्टिस के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा की जा रही जांच में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। इन दोनों कंपनियों ने जांच रोकने के लिए अपील दायर की थी।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 01:31 PM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 01:36 PM (IST)
Amazon, Flipkart को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपील की खारिज
Amazon और Flipkart देश की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियां हैं।

नई दिल्ली, एजेंसियां। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को Amazon.com Inc और Walmart के स्वामित्व वाली Flipkart के बिजनेस प्रैक्टिस के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा की जा रही जांच में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। दोनों दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा जांच रोकने को लेकर की गई अपील को खारिज करते हुए देश की सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन कंपनियों के खिलाफ चल रही जांच जारी रहनी चाहिए।

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हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों को थोड़ी राहत देते हुए CCI के समक्ष जवाब प्रस्तुत करने के लिए समयसीमा को बढ़ा दिया। इन कंपनियों को ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जवाब दाखिल करने के लिए समयसीमा बढ़ाने का आग्रह किया था। सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दाखिल करने की समयसीमा को चार हफ्तों के लिए बढ़ा दिया है।

जानिए क्या है मामला

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर चुनिंदा सेलर्स को कथित रूप से तवज्जो देने और प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने वाले बिजनेस प्रैक्टिस अपनाने को लेकर इन कंपनियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे।

इन दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों ने किसी भी तरह का गलत काम करने से इनकार किया है। साथ ही जांच को कानूनी चुनौती देने की कोशिश बार-बार की है।

सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने कहा कि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को इस तरह की जांच में सहयोग देना चाहिए। चीफ जस्टिस एन.वी. रमन्ना की अगुवाई वाली इस पीठ में न्यायमूर्ति विनीत शरण और न्यायमूर्ति सूर्य कांत शामिल थे। पीठ ने कहा, ''आपकी जैसी बड़ी कंपनियों (फ्लिपकार्ट और अमेजन) को जांच में सहयोग करना चाहिए...जांच होती रहनी चाहिए।''

सुप्रीम कोर्ट की इस पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने प्रतिस्पर्धा कानूनों के कथित रूप से उल्लंघन करने वाले प्रैक्टिस को लेकर CCI की जांच में किसी तरह के दखल से इनकार किया था।


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