बजट 2018 में केंद्रीय योजनाओं पर हुआ 305517 करोड़ रुपये का आवंटन, अनुमान से 7% अधिक
आम बजट 2017-18 में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 2.78 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चुनावी साल में भले ही सरकार ने रिकॉर्ड 24 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया हो, लेकिन केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए आवंटन में सरकार ने कंजूसी दिखाई है। बजट में योजनाओं के लिए 3,05517 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों के मुकाबले सिर्फ सात फीसद अधिक है।
खास बात यह है कि कई योजनाओं का आवंटन पूर्ववत रखा गया है। आम बजट 2017-18 में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 2.78 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। हालांकि संशोधित अनुमानों में यह राशि बढ़ाकर 2.85 लाख करोड़ रुपये कर दी गई है। केंद्र सरकार की सबसे बड़ी रोजगार योजना मनरेगा के लिए आम बजट 2018-19 में 55,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह धनराशि इस योजना के लिए चालू वित्त वर्ष के संशोधित व्यय अनुमान के बराबर है।
इस तरह जितनी धनराशि इस योजना पर चालू वित्त वर्ष में खर्च होने का अनुमान है, उतनी ही अगले साल के लिए आवंटित की गई है। हालांकि अधिकारियों की दलील है कि मनरेगा के क्रियान्वयन पर इसका असर इसलिए नहीं पड़ेगा क्योंकि यह मांग आधारित कार्यक्रम है। ऐसे में अगर साल के दौरान मनरेगा में काम के लिए मांग जोर पकड़ती है, तो सरकार इसके लिए और धन आवंटित कर देगी।
इसी तरह राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन पर अगले वित्त वर्ष में 7,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जबकि चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों में इस पर 7,050 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। विद्यालयों में वितरित होने वाले मिड डे मील के लिए आवंटन में कुछ खास वृद्धि नहीं की गई है। चालू वित्त वर्ष में इस पर दस हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है जबकि अगले वित्त वर्ष में इसके लिए 10,500 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है।
हालांकि गांवों में कनेक्टिविटी के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 19,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले साल के 16,900 करोड़ रुपये के आवंटन से अधिक है।