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एयर इंडिया ने इकोनॉमी क्लास की सीटें बढ़ाई

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सस्ते किराये वाली एयरलाइनों से मुकाबला करने के लिए एयर इंडिया ने इकोनॉमी क्लास की सीटें बढ़ा दी है। पुनरुद्धार योजना के तहत किए गए ऐसे तमाम उपायों से सरकारी एयरलाइंस ने न केवल घाटे पर काबू पा लिया है, बल्कि अच्छा-खासा सरप्लस हासिल करने में कामयाब हुई है। इकोनॉमी क्लास की बढ़ती मांग को दे

By Edited By: Published: Sun, 04 Aug 2013 07:06 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
एयर इंडिया ने इकोनॉमी क्लास की सीटें बढ़ाई

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सस्ते किराये वाली एयरलाइनों से मुकाबला करने के लिए एयर इंडिया ने इकोनॉमी क्लास की सीटें बढ़ा दी है। पुनरुद्धार योजना के तहत किए गए ऐसे तमाम उपायों से सरकारी एयरलाइंस ने न केवल घाटे पर काबू पा लिया है, बल्कि अच्छा-खासा सरप्लस हासिल करने में कामयाब हुई है।

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इकोनॉमी क्लास की बढ़ती मांग को देखते हुए एयर इंडिया ने अपने एयरबस-320 श्रेणी के चौदह विमानों में सभी सीटों को इकोनॉमी क्लास (प्रत्येक विमान में 168 सीटें) में बदल दिया है। इससे ऑक्यूपेंसी स्तर (बिकी सीटों का प्रतिशत) बढ़ने से कंपनी के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। सूत्रों के मुताबिक घरेलू सेक्टर में एयर इंडिया का ऑक्यूपेंसी स्तर पिछले साल अक्टूबर से ही लगातार 70-80 फीसद पर बना हुआ है। इस दौरान चार बार यह पूरे 80 फीसद रहा है। लागत घटाने के अन्य कदमों और आक्रामक मार्केटिंग की बदौलत एयर इंडिया ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 460 करोड़ रुपये का कैश सरप्लस अर्जित किया है।

सूत्रों के मुताबिक पुनरुद्धार योजना के तहत बेड़े, नेटवर्क, मूल्यनिर्धारण नीति, शिड्यूल एवं राजस्व प्रबंधन के पुनरीक्षण से माली हालत में खासा सुधार हुआ है। एयर इंडिया का चालू घाटा अक्टूबर-दिसंबर 2011 में 512 करोड़ रुपये और जनवरी-मार्च 2012 में 432 करोड़ रुपये था। अप्रैल-जून 2012 में यह घटकर केवल 37 करोड़ रुपये रह गया। इसके बाद एयर इंडिया ने सरप्लस हासिल करना शुरू कर दिया। जुलाई-सितंबर 2012 में 51 करोड़ का सरप्लस कंपनी ने हासिल किया था। अक्टूबर-दिसंबर 2012 में यह बढ़कर 312 करोड़ रुपये हो गया। इस साल जनवरी-मार्च में यह 361 करोड़ और अप्रैल-जून में 460 करोड़ रुपये हो गया।

एयरलाइन ने अपने बेड़े के आकार-प्रकार को भी उचित स्तर पर रखने के प्रयास किए हैं। इसके तहत ज्यादा ईधन पीने वाले बोइंग 747 जंबो विमानों का इस्तेमाल एकदम बंद कर दिया है। वहीं बोइंग 777 विमानों की जगह कम ईधन खपत वाले बोइंग 787 ड्रीमलाइनरों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जा रहा है। टिकटों की कीमत में समायोजन के जरिये राजस्व बढ़ाने के भी कई उपाय किए गए हैं। अब बाजार की मांग-आपूर्ति के अनुसार महीने-दो महीने पहले बुकिंग कराने वाले ग्राहक तात्कालिक आधार पर एयर इंडिया के सस्ते टिकट प्राप्त कर सकते हैं।

यही नहीं, ग्राहकों की शिकायतें दूर करने के लिए इसी साल जनवरी में एक नया कॉल सेंटर भी खोला गया है। इसके अलावा सोशल नेटवर्किग वेबसाइटों के जरिये भी ग्राहकों को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।


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