Air India को खरीदने की दौड़ में अब सिर्फ टाटा और स्पाइसजेट, बाकी बोलियां खारिज
मूल्यांकन के बाद इनमें से ज्यादातर को खारिज कर दिया गया। बोलीकर्ताओं की प्रतिक्रिया से सरकार के संतुष्ट होने के बाद योग्य बोलीकर्ताओं को जानकारी दी जाएगी। दूसरे चरण में रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) और पारदर्शी तरीके से बोली की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को खरीदने की दौड़ में सिर्फ टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के ही नाम बचे हैं। बाकी बोलियों को खारिज कर दिया गया है। मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया कि एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआइ) के स्तर पर कई बोलियां मिली थीं। मूल्यांकन के बाद इनमें से ज्यादातर को खारिज कर दिया गया। बोलीकर्ताओं की प्रतिक्रिया से सरकार के संतुष्ट होने के बाद योग्य बोलीकर्ताओं को जानकारी दी जाएगी।
दीपम के सचिव तुहिन कांता पांडे ने हाल में बताया था कि एयर इंडिया में रणनीतिक विनिवेश के लिए कई ईओआइ मिले हैं। पात्रता एवं अन्य मानकों पर परखने के बाद इन पर निर्णय होगा। एयर इंडिया में विनिवेश की प्रक्रिया को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में इच्छुक बोलीकर्ताओं से ईओआइ मंगाए गए हैं। दूसरे चरण में रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) और पारदर्शी तरीके से बोली की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
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एयर इंडिया के 209 कर्मचारियों के एक समूह ने भी बोली लगाई थी। डनलप और फाल्कन टायर्स के एस्सार और पवन रुइया ने भी एयर इंडिया के लिए बोली लगाई थी।
एयर इंडिया कोरोना महामारी के दौरान पिछले वर्ष सात मई से इस वर्ष 28 फरवरी तक प्रचालित 18,000 से अधिक उड़ानों से 55 देशों और 75 गंतव्यों से लगभग 25 लाख लोगों को उनके घर लाने में सफल रही है। इसके अलावा कंपनी ने कोविड-19 के खिलाफ विश्व की सबसे बड़ी वैक्सीन ड्राइव में भी बड़ी भूमिका निभाई है। कंपनी के अनुसार, अपने विमानों की बेहतरीन साज-सज्जा, उड़ान के दौरान स्वादिष्ट भारतीय भोजन उसे बाकी स्पर्धी विमानन कंपनियों से अलग बनाते हैं। एयर इंडिया की उड़ानों की मदद से ही उतर-पूर्व, लद्दाख, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के दूर-दराज क्षेत्रों को आíथक तथा सामाजिक मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है।