स्वच्छता और साफ सफाई के बाद अब हवा की शुद्धता पर फोकस
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल ने एमबीए के पहले वर्ष के पाठ्यक्रम में आरबी को एक केस स्टडी के तौर पर चुना है
रेकिट बेंकिजर के ग्लोबल सीईओ राकेश कपूर ने हाल ही में अपने भारत प्रवास के दौरान दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख नितिन प्रधान से बातचीत की। प्रस्तुत है इस बातचीत के प्रमुख अंश:
भारतीय बाजार की मौजूदा स्थिति को किस नजरिये से देख रहे हैं?
भारत एक बड़ा बाजार है। एक बड़ा मध्यवर्ग इस बाजार को नियंत्रित करता है। लिहाजा समयानुसार इसमें बदलाव होते रहना स्वाभाविक है। एक वक्त था जब हम हाइजीन और स्वच्छता पर फोकस कर रहे थे। नहाने से लेकर दैनिक दिनचर्या तक में स्वच्छता के मानकों का पालन करने वाले उत्पादों की बिक्री करना ही हमारा ध्येय नहीं था, बल्कि भारतीय बाजार में उपस्थित रहते हुए सामाजिक सरोकारों और उसके लक्ष्यों को पूरा करने में सहयोग करना भी हमारा कर्तव्य था। यही वजह है कि हमने ‘डेटॉल बनेगा स्वच्छ इंडिया’ जैसा अभियान भी चलाया।
क्या अब कुछ नई चुनौती सामने आई है?
जी बिलकुल। पिछले कुछ वर्षो से प्रदूषण नई चुनौती के रूप में उभर रहा है। खासकर वायु प्रदूषण। यही वजह है कि रेकिट बेंकिजर भी प्रदूषण नियंत्रण पर जोर दे रही है। कंपनी ने हाल ही में भारतीय बाजार में डेटॉल सिटी शील्ड ब्रांड के तहत कई उत्पाद उतारे हैं। इनमें डेटॉल सिटी शील्ड स्मार्ट मास्क प्रमुख है जिसमें एक माइक्रो फैन भी लगा है। यह प्रदूषित हवा से पीएम पार्टिकल्स को 98 फीसद तक कम करता है और हवा को 99 फीसद तक शुद्ध कर देता है। भविष्य में हम एक ऐसा वियरेबल डिवाइस भी लाने जा रहे हैं जो हवा के प्रदूषण की रियल टाइम जानकारी देगा। इसे आप अपने स्मार्ट फोन से कनेक्ट कर इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे ग्राहकों को अपने आसपास के वातावरण से संबंधित जानकारियां निजी तौर पर उपलब्ध होंगी और वे अपना बचाव कर सकेंगे।
क्या यह माना जाए कि अब कंपनी का पूरा फोकस प्रदूषण नियंत्रण पर होगा या फिर डेटॉल बनेगा स्वच्छ इंडिया अभियान में कुछ नया करने की योजना है?
डेटॉल बनेगा स्वच्छ इंडिया अभियान सरकार के स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ा था। यह अभियान भारतीयों को स्वच्छता और साफ सफाई के प्रति जागरूक करने में काफी हद तक सफल रहा है। अब हम एक कदम और आगे जाकर ‘स्वच्छता के साथ मेरे दस गज’ के नाम से एक और अभियान ला रहे हैं। इसमें स्वच्छता के तीन स्तर पर फोकस होगा। स्वच्छ जमीन, स्वच्छ हवा और स्वच्छ पानी। इसके लिए हम बहुपक्षीय प्रयास कर रहे हैं। हमने संकल्पतरु, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और एसोचैम के साथ वायु प्रदूषण पर मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। इसके तहत हमारा लक्ष्य 2.3 करोड़ लीटर ऑक्सीजन पैदा करने का है, साथ ही पानी की बचत और दो लाख टन कार्बन उत्सर्जन रोकने की योजना है। पंजाब में पराली जलाने की परंपरा को समाप्त करने के लिए हमने एसोचैम के साथ एक कार्यक्रम चलाया है। अभी पटियाला जिले के 95 गांवों को इसके लिए चुना गया है। इसके अलावा नेत्रहीन बच्चों के लिए भी हम कार्यक्रम चला रहे हैं।
आपकी कंपनी कम्युनिटी बिहेवियर चेंज के लिए भी काफी काम करती है। ये नए प्रयास शहरों के अलावा क्या गांवों और छोटे शहरों के लिए भी चलाए जा रहे हैं?
एकदम। हम उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार की राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जागरण पहल के साथ मिलकर हमने इस पर काफी काम किया है। इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश और बिहार में 200 गांवों को खुले से शौच मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। इन तीनों राज्यों में हम अब तक तीन लाख परिवारों तक पहुंच चुके हैं। हमने 1.70 करोड़ लोगों तक सीधी पहुंच बनाई है। इसके अलावा हम स्विट्जरलैंड स्थित ड्यूर टेक्नोलॉजीज की मदद से स्वच्छ वाराणसी कार्यक्रम भी चला रहे हैं।
अब कुछ बिजनेस की बात। मोर्टिन इंस्टा को फिर से बाजार में उतारने के पीछे क्या रणनीति रही?
देखिए डेंगू, मलेरिया और चिकुनगुनिया जैसे वेक्टर जनित रोगों की वजह मच्छर ही होते हैं। इसलिए हमने मोर्टिन इंस्टा को बाजार में उतारा है, जो अपने लिक्विड वेपराइजर की विस्तृत रेंज के जरिये डेंगू से सुरक्षा प्रदान करता है। इसके लिए हमने यूनिसेफ की गुडविल अंबेसडर माधुरी दीक्षित नेने को अपना ब्रांड अंबेसडर बनाया है। जहां तक पूरे बिजनेस का सवाल है, आप जानते हैं हमने कंपनी को आरबी 2.0 के नाम से एक नई दिशा दी है। इसके तहत हमने अपने उत्पादों को दो अलग-अलग बिजनेस यूनिट में बांट दिया है। एक में हमने अपने सारे हेल्थकेयर उत्पादों को समेटा है, जबकि दूसरी में हाइजीन से संबंधित सभी उत्पाद आते हैं। वैसे भी अभी तक हमारा फोकस हेल्थ एंड हाइजीन रहा है। अब हम एक तीसरे वर्ग न्यूटिशन पर भी अलग से जोर दे रहे हैं। खासतौर पर बच्चों के पोषण से जुड़े उत्पाद इस यूनिट में आएंगे। हमारा फोकस बच्चे के जन्म के बाद के पहले 1000 दिन के पोषण पर है। इसके लिए हमने मीड जॉनसन के बिजनेस का अधिग्रहण किया है। यह नवजात और बच्चों के लिए पोषक आहार में दुनिया की अग्रणी कंपनी है।
हमने सुना है कि आपका यह प्रवास काफी खास है। क्या है वजह?
मैं यहां एक विशेष उपलब्धि का उत्सव मनाने आया हूं। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल ने एमबीए के पहले वर्ष के पाठ्यक्रम में आरबी को एक केस स्टडी के तौर पर चुना है। इसके तहत एमबीए के विद्यार्थियों को आरबी की संस्कृति और इनोवेशन पढ़ाया जाएगा। स्वास्थ्य से लेकर स्वच्छता और बच्चों के पोषण को आधार बनाकर बाजार में प्रोडक्ट पेश करने वाली रेकिट बेंकिजर भारतीय बाजार में प्रदूषण को अगली चुनौती के तौर पर देख रही है। कंपनी ने कुछ उत्पाद बाजार में उतारे हैं और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में आगे भी कोशिश जारी रहेगी। अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का संतुलन बिठाने को कंपनी ने पुनर्गठन के जरिये खुद को बाजार के अनुरूप बनाने की रणनीतिक कोशिश भी की है।