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दूरसंचार कंपनियों पर आफत: भारती एयरटेल और वोडाफोन आईडिया को आधी रात तक बकाये भुगतान का आदेश

कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों को फटकार लगाने के साथ ही दूरसंचार विभाग की भी खिंचाई की।

By NiteshEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 07:13 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 08:50 PM (IST)
दूरसंचार कंपनियों पर आफत: भारती एयरटेल और वोडाफोन आईडिया को आधी रात तक बकाये भुगतान का आदेश
दूरसंचार कंपनियों पर आफत: भारती एयरटेल और वोडाफोन आईडिया को आधी रात तक बकाये भुगतान का आदेश

नई दिल्ली, पीटीआइ। दूरसंचार विभाग ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को शुक्रवार की आधी रात से पहले समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाये का भुगतान करने का आदेश दिया है। दूरसंचार विभाग के एक आदेश के अनुसार कंपनियों को शुक्रवार को रात 11.59 तक बकाये का भुगतान करने को कहा गया है। 

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दूरसंचार विभाग ने कंपनियों को सर्किल के आधार पर बकाये के संबंध में नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। यूपी वेस्ट टेलीकॉम सर्किल ने सभी बकायेदारों से 11.59 बजे रात तक भुगतान करने का आदेश दिया है।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने दिन में इस संबंध में सुनवाई करते हुए एजीआर बकाये के भुगतान संबंधी अपने पुराने आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों को फटकार लगाने के साथ ही दूरसंचार विभाग की भी खिंचाई की। 

बता दें कि टेलीकॉम कंपनियों पर करीब 1.47 लाख करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है। इसके भुगतान के लिए कोर्ट ने 17 मार्च तक का समय दिया है। कुल रकम में 92642 करोड़ लाइसेंस फीस है और बकाया 55054 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम चार्जेंज हैं। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वह अगली सुनवाई से पहले एजीआर का भुगतान करे।

एयरटेल ने 20 फरवरी तक 10,000 करोड़ रुपये चुकाने की पेशकश की

भारती एयरटेल ने शुक्रवार को दूरसंचार विभाग को 10,000 करोड़ रुपये का बकाया 20 फरवरी तक देने, और सुप्रीम कोर्ट में एजीआर मामले अगली सुनवाई से पहले बाकी बकाया चुकाने की पेशकश की।

एयरटेल ने दूरसंचार विभाग के सदस्य (वित्त) को भेजे पत्र में कहा, 'माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले और उनके निर्देश के अनुपालन में हम 20 फरवरी 2020 तक भारती समूह की कंपनियों की ओर से 10,000 करोड़ रुपये (खाते में) जमा कर देंगे।' एयरटेल पर सरकार का करीब 35,586 करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क शामिल हैं। पत्र में कहा गया है, 'आप स्वीकार करेंगे कि यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें 22 सर्किल, बहुस्तरीय लाइसेंस हैं और इसलिए इसमें समय लगता है।'

दूसरी ओर विश्लेषकों का कहना है कि फिलहाल ऐसी स्थिति में वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों के लिए हालात विशेष तौर पर विकट हो गए हैं। इससे क्षेत्र में दो ही कंपनियों के बने रह जाने की आशंका पहले से अधिक हो गयी है। अभी दूरसंचार क्षेत्र में सरकारी कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के अलावा तीन निजी कंपनियां भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जिओ हैं।


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