बैंकों के कंसोर्सियम की NCLT में अप्रोच के बाद जेट एयरवेज के शेयर 30% तक टूटे
बैंकरों के consortium द्वारा Jet Airways के मामले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में ले जाने के बाद से कंपनी के शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बैंकरों के कंसोर्सियम द्वारा जेट एयरलाइन के मामले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में ले जाने के बाद से कंपनी के शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। बुधवार को खबर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर में 30 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में जेट एयरवेज को भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
खबर लिखते समय बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर जेट एयरवेज का शेयर 22.74 फीसद की गिरावट के साथ 31.25 अंकों पर कारोबार कर रहा था। वहीं एनएसई में, कंपनी के शेयरों में 22.72 फीसद की गिरावट देखी गई और यहां कंपनी का शेयर 31.30 अंकों पर कारोबार कर रहा था।
जेट एयरवेज लगातार 13 कारोबारी दिवस से घाटे में चल रही है। इस दौरान कंपनी के शेयर में करीब 81 फीसद की गिरावट दर्ज हो चुकी है। स्टेट बैंक के नेतृत्व में 26 बैंकरों के कंसोर्सियम (संघ) द्वारा मंगलवार को जेट एयरवेज को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में ले जाया गया था ताकी 8,500 करोड़ से अधिक रुपये का बकाया वसूला जा सके। ट्रिब्यूनल गुरुवार को मामले की सुनवाई करने जा रहा है।
आपको बता दें कि नीदरलैंड की कंपनी की प्रतिनिधित्व कर रहे एक वकील ने एनसीएलटी से कहा कि नीदरलैंड्स इन्सॉल्वेंसी कोर्ट (नॉर्ड हॉलैंड डिस्ट्रिक्ट कोर्ट) दिवालिया आवेदन पहले ही स्वीकार कर चुकी है।
गौरतलब है कि, मंगलवार को जेट एयरवेज का शेयर 41 फीसदी की गिरावट के साथ 40.45 पर आ गया था। कर्ज में डूबी इस एयरलाइन को उबारने के बैकों के प्रयासों को अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। जेट एयरवेज के पुनर्रोद्धार के लिए अभी तक किसी कंपनी से कोई पुख्ता प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। एतिहाद-हिंदुजा गठजोड़ ने हालांकि एयरलाइन में रुचि दिखाई है, लेकिन उसकी ओर से कोई पुख्ता प्रस्ताव नहीं मिला है। यही वजह थी कि बैंकों की सोमवार को हुई बैठक में एयरलाइन के मामले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में भेजने का फैसला किया गया।
करीब 25 साल पहले सेवा में आई जेट एयरवेज ने अपनी उड़ाने बीती 17 अप्रैल को बंद कर दी थी। पैसों की तंगी और पेमेंट ना करने पर 100 से अधिक ऑपरेशनल हवाई जहाज छिन जाने के कारण कंपनी को यह फैसला लेना पड़ा था। पिछले सप्ताह जारी एक सर्कुलर के अनुसार, स्टॉक एक्सचेंज 28 जून से जेट एयरवेज के शेयरों में ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगा देगा। इस घोषणा के बाद से ही कंपनी बुरी तरह बैकफुट पर आ गई है।
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