Aadhaar Card अपडेट कराना हुआ और आसान, घर के पड़ोस में स्थित CSCs पर हो जाएगा काम
UIDAI जिला स्तर के CSC e-Governance Service कार्यालयों को आधार में संशोधन के लिए पहले ही अधिकृत कर चुका है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। Aadhaar Card (आधार कार्ड) में दर्ज पता में किसी तरह का सुधार या बदलाव अब और आसान हो जाएगा क्योंकि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने बैंकिंग कॉरेस्पांडेंट के तौर पर काम कर रहे 20,000 कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSCs) को लोगों के आधार अपडेट करने की अनुमति दे दी है। UIDAI ने इन सर्विस सेंटर्स को 24 अप्रैल को आधार अपडेट करने की अनुमति सशर्त दी। UIDAI ने CSC e-Governance Services के सीइओ दिनेश त्यागी को लिखे पत्र में कहा है, ''केवल डेमोग्राफिक अपडेट की सुविधा दी जाएगी। ऑपरेटर्स और लोगों का सत्यापन फिंगरप्रिंट और आंखों की पुतलियों के जरिए किया जाएगा।''
UIDAI ने कहा है कि इसके लिए जरूरी सिस्टम जून, 2020 के आखिर तक तैयार हो जाने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और सूचना-प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने CSC को UIDAI की ओर से अनुमति मिलने की सूचना सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए दी है।
प्रसाद ने कहा है कि वह चाहते हैं कि CSC से जुड़े ग्रामीण स्तर के उद्यमी (VLEs) Aadhaar का काम जिम्मेदारी और UIDAI की ओर से मिले दिशा-निर्देशों के हिसाब से करें।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि इस फैसिलिटी से ग्रामीण इलाकों में रहने वाली बड़ी आबादी को अपने घर से नजदीक Aadhaar सेवाएं मिल सकेंगी।''
To make Aadhaar updating easier for citizens, @UIDAI has permitted @CSCegov_ which are designated banking correspondents of banks, to offer #Aadhaar update services. Around 20,000 such CSCs will now be able to offer this service to citizens.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) April 27, 2020
त्यागी ने इस संदर्भ में जानकारी दी कि CSCs आधार कार्ड धारकों के पता में बदलाव या सुधार करेंगे जबकि बच्चों का बॉयोमैट्रिक डिटेल्स अपडेट कर सकेंगे।
UIDAI जिला स्तर के CSC e-Governance Service कार्यालयों को आधार में संशोधन के लिए पहले ही अधिकृत कर चुका है।
उससे पहले CSC India e-Governance Services Limited की ओर से अधिकृत सभी सेवा केद्रों को आधार से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अनुमति दे दी गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद दिसंबर, 2018 में इस सुविधा को रोक दिया गया था।