फाइनेंस सेक्टर में आधार आधारित केवाईसी की संभावना
वित्तीय क्षेत्र में ग्राहकों पर नजर रखने के लिए सरकार ने आधार को और सक्षम बनाने का फैसला किया है
नई दिल्ली: आधार कार्ड वित्तीय लेनदेन के लिए व्यापक पहचान संख्या के तौर पर विकसित होने के क्रम में है, क्योंकि वित्तीय क्षेत्र में ग्राहकों पर नजर रखने के लिए सरकार ने आधार को और सक्षम बनाने का फैसला किया है। सरकार इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक सहित सभी नियामकों के साथ परामर्श ले रही है, अधिकारियों ने यह जानकारी गुरुवार को दी है। इससे ठीक एक दिन पहले सरकार की ओर से आईटीआर फाइलिंग और पैन कार्ड आवेदन के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बना दिया गया है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “अपडेटिड कॉन्टेक्ट डिटेल्स के अलावा जो सेवा उद्योग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद करता है। आधार ई-केवाईसी एक तत्काल, इलेक्ट्रॉनिक और गैर-प्रतिक्रमण प्रूफ प्रदान करता है।”
भविष्य में, पहचान के लिए सिर्फ आधार होगा आवश्यक: अरुण जेटली
नई दिल्ली: आधार कार्ड जल्द ही आपकी पहचान के तौर पर स्वीकार किया जाने वाला एकमात्र कार्ड बन जाएगा और यह वोटर आईडी और पैन कार्ड की जगह ले लेगा। यह जानकारी बुधवार को लोकसभा में दी गई।
जेटली वित्त विधेयक में बहस पर जवाब दे रहे थे। इसमें अलग अलग कानूनों के तहत 40 संशोधन पेश किए गए जिसमें इनकम टैक्स फाइलिंग और पैन कार्ड आवेदन के दौरान आधार कार्ड की जानकारी देना आवश्यक बनाया गया है, यह नया नियम जुलाई से ही लागू होना है। उन्होंने कहा यूनीक आईडेंटिटीफिकेशन नंबर आधार जल्द ही भविष्य में सिंगल आईडेंटिटी कार्ड बन जाएगा।
उन्होंने कहा, “एक स्थिति बन सकती है जब यूनीक आईडेंटिटी कार्ड एकलौता कार्ड बन सकता है। दुनिया में काफी सारे देश हैं जहां ऐसी स्थिति मौजूद है। अमेरिका में सोशल सिक्योरिटी नंबर है और भारत में आधार कार्ड ऐसी ही स्थिति में होगा।”
आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार अनिवार्य बनाने के पीछे तर्क समझाते हुए जेटली ने कहा कि यह कदम टैक्स चोरी को रोकने के लिए है। उन्होंने कहा कि 98 फीसद वयस्क या 108 करोड़ लोगों के पास आधार संख्या है।