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    8th Pay Commission पर बड़ा अपडेट, सैलरी कैलकुलेशन में माता-पिता भी हों शामिल; सरकार को किसने दिया ये सुझाव?

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 06:39 PM (IST)

    8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी है। NC-JCM ने सुझाव दिया है कि सैलरी कैलकुलेशन में माता-पिता को भी शामिल किया जाए, जिससे परिवार की यूनिट 4.2 हो जाए। वर्तमान में, 7वें वेतन आयोग में केवल तीन सदस्य गिने जाते हैं। यह बदलाव माता-पिता की कानूनी जिम्मेदारी को ध्यान में रखकर करने का प्रस्ताव है। वेतन आयोग में यूनिट की गणना खर्च के आधार पर होती है।

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    8th Pay Commission पर बड़ा अपडेट, सैलरी कैलकुलेशन में माता-पिता भी हों शामिल; सरकार को किसने दिया ये सुझाव?

    8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। जिसे अपनी रिपोर्ट देने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है। इस बीच केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने सुझाव दिया है कि 8वां वेतन आयोग न्यूनतम वेतन का निर्धारण पांच लोगों वाले परिवार मॉडल के आधार पर करे। जिसमें बुजुर्ग माता-पिता भी शामिल हों, न कि मौजूदा मॉडल के मुताबिक जो सिर्फ तीन सदस्यों को गिनता है।

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    कैसे गिने जाते हैं परिवार के सदस्य?

    अभी 7वें वेतन आयोग में सिर्फ तीन सदस्य गिने जाते हैं। नियम है:

    • कमाने वाला पति = 1 यूनिट
    • पत्नी = 0.8 यूनिट
    • दो बच्चे = 0.6 + 0.6 यूनिट
    • कुल मिलाकर= 3.0 यूनिट

    इसे लेकर NC-JCM चाहता है कि न्यूनतम वेतन की गणना पांच लोगों वाले परिवार के हिसाब से हो। जिसमें पति, पत्नी, दो बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता भी शामिल हों। यानी:

    • कमाने वाला पति/बेटा = 1 यूनिट
    • पत्नी = 0.8 यूनिट
    • दो बच्चे = 0.6 + 0.6 यूनिट
    • और माता-पिता- 0.6 + 0.6 यूनिट
    • कुल मिलाकर- 4.2 यूनिट

    NC-JCM चाहता है कि इस मॉडल को बदला जाए, क्योंकि माता-पिता की देखभाल सिर्फ नैतिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि भारतीय कानून के मुताबिक कानूनी जिम्मेदारी भी है।

    यह भी पढ़ें- तो क्या सरकार ने पेंशनरों की डीए और पेंशन में बढ़ोतरी रोक दी? ये रही पूरी सच्चाई

    वेतन आयोग में कैसे तय होती है यूनिट?

    भारत में 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत परिवार की यूनिट की गणना मुख्य रूप से HRA (House Rent Allowance), CCA (City Compensatory Allowance), परिवहन भत्ता (Transport Allowance) और LTC (Leave Travel Concession) जैसी सुविधाओं के लिए की जाती है। यह गणना खर्च के हिसाब से होती है, न कि केवल जिम्मेदारी के हिसाब से।

    इसका उद्देश्य यह अनुमान लगाना है कि सरकारी कर्मचारी के परिवार पर कितना अतिरिक्त खर्च (expenditure) पड़ता है, खासकर महानगरों में रहने, आने-जाने और अन्य जरूरतों पर।

    स्टैंडर्ड यूनिट कैलकुलेशन

    • पति/पत्नी (कमाने वाला)- 1 यूनिट
    • पत्नी/पति (गैर-कमाने वाला या कम कमाने वाला)- 0.8 यूनिट
    • प्रत्येक बच्चा (18 वर्ष तक, या निर्भर)- 0.6 यूनिट (अधिकतम 2 बच्चे गिने जाते हैं)
    • माता-पिता आदि- 0.6 यूनिट (यदि पूरी तरह निर्भर हों)

    यह खर्च के हिसाब से क्यों है?

    7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट में स्पष्ट है कि यूनिट सिस्टम "cost of living" (जीवन यापन की लागत) को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

    • कमाने वाला व्यक्ति (1 यूनिट), खुद का पूरा खर्च वहन करता है।
    • पत्नी (0.8 यूनिट), उसका खर्च पति से कम माना जाता है, क्योंकि वह घर संभालती है, लेकिन फिर भी भोजन, कपड़े, चिकित्सा आदि पर खर्च होता है।
    • बच्चे (0.6 यूनिट), बच्चों का खर्च वयस्क से कम (शिक्षा, भोजन, कपड़े), इसलिए 0.6 गिना जाता है।
    • यह जिम्मेदारी से ज्यादा वास्तविक खर्च अनुपात (proportional expenditure) पर आधारित है।

    यह यूनिट सिस्टम खर्च के अनुपातिक मॉडल (Consumption Unit Model) पर आधारित है, जो NSSO (National Sample Survey Office) के खपत सर्वेक्षण (Consumption Expenditure Survey) से लिया गया है। यह जिम्मेदारी से ज्यादा वास्तविक जीवन यापन लागत को ध्यान में रखता है। यदि पत्नी भी सरकारी कर्मचारी है, तो दोनों अलग-अलग यूनिट गिनते हैं, लेकिन HRA में समायोजन होता है।

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