8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग पर आ गई रिपोर्ट, कर्मचारियों को लगा झटका; सिर्फ इतनी सैलरी बढ़ने का अनुमान!
8th Pay Commission कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार 8वां केंद्रीय वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.8 हो सकता है। इसका अर्थ है कि सैलरी में 13 फीसदी की बढ़ोतरी होना है। हालांकि इससे पहले आई एंबिट की रिपोर्ट में फिटमेंट फैक्टर को 1.8 से लेकर 2.46 तक होने की बात कही गई थी।

नई दिल्ली। भारतीय केन्द्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के कार्यान्वयन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी सैलरी और पेंशन में अच्छी वृद्धि करेगी। लेकिन एक रिपोर्ट आई जिसने कर्मचारियों और पेंशनरों को झटका दिया है। ये रिपोर्ट है कोटक की है। जी हां कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी रिपोर्ट में ऐसा कुछ छापा है कि अगर आप अगर आप एक केंद्रीय कर्मचारी हैं या फिर पेंशनभोगी तो इसे पढ़कर आप नाखुश हो जाएंगे। आइए जानते हैं कि आखिर रिपोर्ट में क्या कुछ कहा गया है।
8वें वेतन आयोग का 33 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 66 लाख पेंशनर्स पर इसका सीधा असर पड़ने की संभावना है। ग्रेड सी के कर्मचारी, जो केंद्र सरकार के कुल कार्यबल का लगभग 90% हिस्सा हैं, को सबसे अधिक फायदा होने की उम्मीद है।
8th Pay Commission को लेकर क्या कह रही है कोटक की रिपोर्ट?
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 1.8 तक कम हो सकता है, जिससे वास्तविक वेतन में केवल 13% की बढ़ोतरी होगी।
इससे पहले एम्बिट कैपिटल की एक पूर्व रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान 7वें वेतन आयोग, जो दिसंबर 2025 में समाप्त होगा, के परिणामस्वरूप 2016 से 14.3% वेतन वृद्धि हुई है, जिसमें भत्ते शामिल नहीं हैं, जो आगामी 8वें वेतन आयोग के लिए अनुमानित वृद्धि से अभी भी अधिक है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को उम्मीद है कि समय-सीमा मोटे तौर पर पिछले वेतन आयोगों के पैटर्न के अनुरूप होगी। छठे और सातवें वेतन आयोगों को गठित होने के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करने में लगभग डेढ़ साल लगे, जबकि कैबिनेट की मंजूरी के बाद कार्यान्वयन में 3-9 महीने और लग गए।
फिटमेंट फैक्टर तय करेगा 8वें वेतन आयोग में कितनी बढ़ेगी सैलरी?
कोटक का अनुमान है कि 8th Pay Commission से न्यूनतम वेतन स्तर ₹18,000 से बढ़कर लगभग ₹30,000 प्रति माह हो सकता है। इसका मतलब फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.8 होगा और वास्तविक वेतन वृद्धि लगभग 13% होगी।
फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल किसी कर्मचारी के मौजूदा मूल वेतन के आधार पर उसके नए मूल वेतन की गणना के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, सातवें वेतन आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर तय किया था, जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों का मासिक न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था।
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