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2000 रुपए के 75 फीसद नोट जमाखोरों ने रोके, चलन में रह गए सिर्फ 25 फीसद नोट

अब रिजर्व बैंक का मुख्य जोर नकदी व्यवस्था दुरुस्त करने पर है। शीघ्र ही कटे-फटे नोट व सिक्के मंगा लिए जाएंगे, इसमें एक से डेढ़ माह का समय लगेगा और नकदी की भरपूर व्यवस्था की जाएगी

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 11:00 AM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 11:15 AM (IST)
2000 रुपए के 75 फीसद नोट जमाखोरों ने रोके, चलन में रह गए सिर्फ 25 फीसद नोट
2000 रुपए के 75 फीसद नोट जमाखोरों ने रोके, चलन में रह गए सिर्फ 25 फीसद नोट

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नकदी की किल्लत दूर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए जिला स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच, रिजर्व बैंक के एक अधिकारी का अनुमान है कि कि दो हजार रुपये के 75 फीसद नोट जमाखोरो ने डंप कर लिए हैं। बाजार में इस बड़े मूल्य वर्ग के सिर्फ 25 फीसद नोट चलन में रह गए हैं। आरबीआइ के लखनऊ कार्यालय से आए महाप्रबंधक पंकज कुमार ने कहा कि नकदी की कमी और सिक्कों की बहुतायत की समस्या का समाधान एक से डेढ़ माह में हो जाएगा।

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उन्होंने कहा कि नकदी किल्लत की मुख्य वजह 2000 रुपये के नोटों की बैंकों में वापसी न होना है। 2000 रुपये के सिर्फ 25 फीसद नोट ही बैंक से लेकर बाजार तक चलन में दिख रहे हैं जबकि 75 फीसद डंप हो गए हैं। आरबीआइ के महाप्रबंधक ने यहां शनिवार को नकदी के प्रबंधन पर बैंक अधिकारियों के साथ बैठक में विचार विमर्श किया।

इस बैठक में आसपास के सात बड़े बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी और 11 जिलों के करेंसी चेस्ट के अधिकारी आए थे। बैंक अधिकारियों द्वारा समस्याएं बताए जाने पर महाप्रबंधक ने कहा कि 1000 व 500 रुपये के पुराने नोटों का निस्तारण हो चुका है। अब रिजर्व बैंक का मुख्य जोर नकदी व्यवस्था दुरुस्त करने पर है। शीघ्र ही कटे-फटे नोट व सिक्के मंगा लिए जाएंगे, इसमें एक से डेढ़ माह का समय लगेगा और नकदी की भरपूर व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि हर जिले में नकदी प्रबंधन के लिए सभी बैंक मिलकर एक बैंक को नोडल नामित कर लें और उसी के माध्यम से आरबीआइ को नकदी की मांग भेजें। इससे आरबीआइ को भी सहूलियत होगी और सभी बैंकों को अलग-अलग नकदी की डिमांड नहीं करनी पड़ेगी।


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