10,000 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई के लिए चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा करेगी 63 मून्स
63 मून्स, का पहला नाम फाइनैंशियल टेक्नोलॉजिज लिमिटेड (एफटीआईएल) था। कंपनी और इसके कुछ अधिकारी 5,600 करोड़ रुपये के पेमेंट स्कैम में कई जांच एजेंसियों की निगरानी में हैं।
नई दिल्ली (एजेंसी/बिजनेस डेस्क)। 63 मून्स टेक्नोलॉजिज ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और दो अन्य अधिकारियों को लीगल नोटिस भेजा है। कंपनी ने कहा कि वह एनएसईएल स्कैम में हुए 10,000 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई के लिए अदालत में जाने के विकल्प पर विचार कर रही है।
63 मून्स, का पहला नाम फाइनैंशियल टेक्नोलॉजिज लिमिटेड (एफटीआईएल) था। कंपनी और इसके कुछ अधिकारी 5,600 करोड़ रुपये के पेमेंट स्कैम में कई जांच एजेंसियों की निगरानी में हैं। इसमें कंपनी के संस्थापक जिग्नेश शाह भी शामिल हैं।
63 मून्स के चेयरमैन वेंकटचारी ने कहा कि पी चिदंबरम, वित्त मंत्रालय के पूर्व अतिरिक्त वित्तीय सचिव के पी कृष्णन और वायदा बाजार आयोग के पूर्व चेयरमैन रमेश अभिषेक पर कथित रूप से कंपनी के शेयरधारकों को नुकसान पहुंचाने के कारण कानूनी नोटिस भेजा गया है।
2013 में जब नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) में हुआ पेमेंट घोटाला सामने आया था, तब चिदबंरम वित्त मंत्री थे। अब वायदा बाजार आयोग को सेबी के साथ मिलाया जा चुका है और अभिषेक फिलहाल डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईटी) में सचिव हैं। वहीं कृष्णन स्किल डिवेलपमेंट एंड आंत्रप्रेन्योरशिप सचिव हैं।
चारी ने कहा कि कंपनी ने इन तीनों के खिलाफ कथित रूप से ''शक्ति का दुरुपयोग करते हुए 63 मून्स के खिलाफ बेजा कार्रवाई'' को लेकर सीबीआई में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। चारी ने दावा किया कि तीनों ने कथित रूप से ''संकट को बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाई और एफटीआईएल के ईकोसिस्टम को तबाह किया, ताकि प्रतिस्पर्धी नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को फायदा पहुंचाया जा सके और इसकी वजह से 63 मून्स के शेयरधाकों को काकफी नुकसान हुआ।''
उन्होंने कहा कि इसी वजह से कंपनी ने तीनों के खिलाफ कानूनी मुकदमा करने का फैसला लिया है ताकि 10,000 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई की जा सके। हमने इसी सिलसिले में उन्हें नोटिस दिया है और मुकदमा बॉम्बे हाई कोर्ट में फाइल किया जाएगा।
वहीं एफटीआईएल के पूर्व संस्थापक जिग्नेश शाह ने कथित रूप से दावा करते हुए कहा कि यह कोई संकट नहीं था, बल्कि एफटीआईएल ग्रुप को तबाह करने की साजिश थी। उन्होंने कहा कि 5,600 करोड़ रुपये में से निवेशकों को 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है और 3,600 करोड़ रुपये का भुगतान जल्द किया जाएगा और 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।
यह भी पढ़ें: SBI ने पुलवामा हमले में शहीद हुए 23 CRPF जवानों का कर्ज माफ किया